रांची
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार लोकतांत्रिक विरोध का गला घोट रही है। यह लोकतंत्र की हत्या है। एसएससी-सीजीएल परीक्षा में धांधली की साजिश के पीछे मुख्यमंत्री का हाथ नजर आता है।साथ ही उन्होने कहा कि पहले हेमंत सोरेन द्वारा सीआईडी जांच का झूठा आश्वासन दिया गया, फिर जेएसएससी ने खुद को क्लीन चिट दे दी। अब छात्र आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी के सख्त आदेश जारी कर सरकार ने युवाओं की आवाज दबाने की साजिश रच दी है। हेमंत सोरेन शायद भूल गए हैं कि झारखंड की भूमि आंदोलनों और संघर्षों की प्रतीक है। झारखंड का युवा दमनकारी नीतियों का करारा जवाब देना जानता है।
इसके साथ ही उन्होने कहा कि हेमंत सोरेन जी, छात्रों की गिरफ्तारी का तुगलकी फरमान वापस लेकर सीजीएल परीक्षा की सीबीआई जांच कराने का आदेश दें और छात्रों के गतिरोध को समाप्त करने की सकारात्मक पहल करें।