रांची
विधानसभा चुनाव के लिए मुद्दों की तलाश में भटक रहे बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी उत्पाद सिपाही अभ्यर्थियों की मौत पर राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं। ये आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने आज कहा कि उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा में हुई परीक्षार्थियों की मृत्यु की जांच सरकार कर रही है। सारी सच्चाई जनता के सामने आएगी। सिपाही भर्ती परीक्षा जिस नियमावली के तहत कराई जा रही है वह पिछली बीजेपी सरकार के कार्यकाल में लागू की गई थी, लेकिन जब परिस्थितिजन्य कारणो से परीक्षार्थियों की मृत्यु हुई तो इसके लिए बाबूलाल मरांडी सरकार को दोषी ठहराने का प्रयास कर रहे हैं। बीजेपी सरकार में लागू नीति से किनारा करने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि आज भी बीजेपी शासित कई राज्यों में ऐसी नीति लागू है।
उन्होंने कहा कि घटनाओं की जानकारी सरकार के संज्ञान में आते ही त्वरित गति से कार्रवाई की गई है। भरती स्थल पर पर्याप्त चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था, तीन दिनों के लिए भर्ती परीक्षा का स्थगन, समय सीमा का निर्धारण किया गया है। झारखंड गठन के पश्चात पहली बार इस तरह की भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया है। नियमावली के तहत करायी गयी दौड़ के दौरान ऐसी किसी घटना की आशंका नहीं थी। सारे नियमों की समीक्षा की घोषणा सरकार कर चुकी है। बावजूद इसके बाबूलाल मरांडी शोकाकुल परिवारों को सांत्वना देने की बजाय उनके नाम पर राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं। वर्तमान महागठबंधन की सरकार युवाओं के प्रति अत्यंत संवेदनशील है और ऐसी घटनाओं से मर्माहत है। युवाओं की मौत पर राजनीति बीजेपी नेताओं के मानसिक अक्षमता की ओर इशारा करती है।