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झारखंड से पलायन चिंता की बात, बाबूलाल ने हेमंत सरकार पर बोला हमला

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द फॉलोअप डेस्क:

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के लोगों का रोजगार और आजीविका की तलाश में पलायन को चिंताजनक बताया है। बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रचुर मात्रा में खनिज संसाधन है। पर्यटन की संभावनाएं हैं। औद्योगिक प्रतिष्ठान लगाकर रोजगार दिया जा सकता है लेकिन फिर भी लोगों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है। बाबूलाल मरांडी ने पलायन को चिंताजनक करार दिया है। 

बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को दी सलाह
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि प्रदेश में बुनियादी ढांचा मजबूत करने की जरूरत है। कानून-व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने की जरूरत है। यदि ऐसा हुआ तो लोगों को झारखंड में ही रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा करने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को प्रदेश में रोजगार नहीं दे पा रही है जिसका नतीजा है कि बड़ी संख्या में पलायन हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब पलायन होता है तो प्रदेश की आबादी कम हो जाती है। जो आबादी प्रदेश में रह गई, क्या उनको रोजगार मिला। यह भी बड़ा सवासल है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार को बुनियादी ढांचा और विधि-व्यवस्था पर ध्यान देकर की आश्यक्ता है।

 खूंटी में सीएम हेमंत ने उठाया था पलायन का मुद्दा
बता दें कि हाल ही में बिरसा जयंती के मौके पर खूंटी में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पलायन का मुद्दा उठाया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रदेश के खनिज से देश समृद्ध हो रहा है। बीते कई वर्षों में झारखंड ने न केवल आर्थिक संसाधनों से बल्कि खेल, सैन्य सेवा और श्रमिक आपूर्ति के मामले में भी देश के विकास में योगदान दिया है, बावजूद इसके पिछले 100 साल से आदिवासियों का पलायन जरूरी है। सीएम ने प्रधानमंत्री से झारखंड से पलायन रोकने के लिए कार्ययोजना बनाने की भी अपील की थी।बाबूलाल मरांडी का ताजा बयान इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। 


पलायन के मुद्दे पर बाबूलाल ने की हेमंत सरकार की आलोचना
बाबूलाल मरांडी ने फरवरी 2020 में बीजेपी में वापसी की थी। जुलाई 2023 में उनको प्रदेश बीजेपी की कमान सौंपी गई। 17 अगस्त से बाबूलाल मरांडी ने संकल्प यात्रा की शुरुआत की। बाबूलाल मरांडी सामने से सरकार और मुख्यमंत्री पर हमलावर रहे हैं। भ्रष्टाचार, विधि-व्यवस्था, विकास सहित अन्य मुद्दे पर सरकार को लगातार घेरा है।