रांची:
दुमका में एक नाबालिग से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। शनिवार को 14 वर्षीय आदिवासी लड़की का शव पेड़ से लटका मिला। पोस्टमार्टम कराया तो पता चला कि वह गर्भवती थी। इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि घटनाएं तो होती रहती हैं, सरकार ने कैसे त्वरित कार्रवाई की यह देखने वाली बात है। इसके बाद राज्य की राजनीति को गरमा गई। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश के मुखिया का ऐसा बयान संवेदना को चोट पहुंचाने और झिंझोड़ने वाला है। दस दिन के भीतर ही झारखंड में दो नाबालिग लड़कियों की हत्या कर दी गई और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए यह आम बात है।
एनआईए से जांच कराएं: बाबूलाल
पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने दुमका में हुई क्रूर घटना की एनआईए जांच की मांग की है। रविवार को पीड़िता के परिजनों से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मरांडी ने दुमका के एसडीपीओ नूर मुस्तफा को हटाने और उनकी गिरफ्तारी की मांग की। बालूलाल मरांडी पीड़िता के परिजनों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। पीड़ित परिवार को ढांढ़स बंधाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आपको हमलोग न्याय दिला कर रहेंगे।
अपराध कैसे रुकेगा
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बच्ची से दुष्कर्म होता रहा और शादी का झांसा दिया जाता रहा। उन्होंने उस लड़की की सहेली से बातचीत की तो उसने जो बताया वह हतप्रभ करने वाला था। ऐसे में मुख्यमंत्री का यह कहना है कि इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। जब मुख्यमंत्री ही ऐसा बोलेंगे तो राज्य में अपराध कैसे रुकेगा?' भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने कहा कि 'ऐसा संवेदनहीन मुख्यमंत्री...न भूतो, न भविष्यति! महिलाओं के साथ राज्य में अत्याचार हो रहे हैं, दलितों की जमीन छीनी जा रही है, आदिवासी महिलाओं और लड़कियों की अस्मत लूटी जा रही है और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है। ऐसे में मुख्यमंत्री को जहां कानून व्यवस्था में सुधार करने की जरूरत है तो वह कह रहे हैं कि इस तरह की घटनाएं घटती रहती हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को भी पार कर दी है, यह आत्मविहीन सरकार है।