रांची:
यूपीए विधायकों को लेकर इंडिगो का विशेष विमान रांची एयरपोर्ट से उड़ान भर चुका है। विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शिफ्ट किया गया है। रायपुर के एक फाइव स्टार होटल में विधायकों के रहने का इंतजाम किया गया है। जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक यूपीए घटक दल के 32 विधायकों को रायपुर ले जाया गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय भी विधायकों के साथ रायपुर गए हैं। मिल रही सूचना के मुताबिक झारखंड मुक्ति मोर्चा के 19 और झारखंड कांग्रेस के 13 विधायक रायपुर गए हैं। यूपीए में विधायकों की कुल संख्या 49 है।
कांग्रेस के 5 और झामुमो के 11 विधायक नहीं गए
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्पीकर रविंद्रनाथ महतो सहित झारखंड मुक्ति मोर्चा कोटे के सभी मंत्री रांची में ही हैं। यही नहीं, दुमका विधायक बसंत सोरेन, लोबिन हेंब्रम और सविता महतो भी रायपुर नहीं गए। कांग्रेस के 3 विधायक, डॉ. इरफान अंसारी, नमन बिक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप तो फिलहाल कोलकाता में हैं। तीनों कैश कांड मामले में ट्रायल का सामना कर रहे हैं। इनके अलावा कांग्रेस पार्टी से रामगढ़ विधायक ममता देवी और पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव भी रायपुर नहीं गए हैं। ममता देवी हाल ही में मां बनी हैं वहीं प्रदीप यादव की तबीयत खराब है।
बुधवार को रांची लौट आएंगे कांग्रेस के सभी मंत्री
झारखंड मुक्ति मोर्चा कोटे से 6 मंत्रियों की बात की जाए तो मंत्री जगरन्नाथ महतो, मिथिलेश ठाकुर, चंपाई सोरेन, जोबा माजी और हफीजुल हसन अंसारी रायपुर नहीं गए हैं। सूचना है कि कांग्रेस कोटे के मंत्री भी 31 अगस्त को रांची लौट आएंगे क्योंकि 1 सितंबर को कैबिनेट की मीटिंग होनी है।
कांग्रेस कोटे से बादल पत्रलेख, आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता और डॉ. रामेश्वर उरांव फिलहाल रायपुर गए हैं लेकिन कैबिनेट की मीटिंग से पहले राजधानी रांची लौट आएंगे। सरकार में आरजेडी कोटे के मंत्री सत्यानंद भोक्ता भी रायपुर नहीं गए। वे भी राजधानी रांची में ही रूके हैं। चर्चा है कि मुख्यमंत्री की सदस्यता जा चुकी है ऐसे में महागठबंधन के 49 विधायको में से 17 विधायक राजधानी रांची में ही रूके हैं।
हॉर्स-ट्रेडिंग की आशंका वजह से लिया गया फैसला
गौरतलब है कि सियासी गहमा-गहमी के बीच मंगलवार को कांके स्थित मुख्यमंत्री आवास में यूपीए घटक के विधायकों का जमावड़ा हुआ। कई वरिष्ठ नेता भी सीएम आवास पहुंचे। यहां प्रदेश की ताजा सियासी हालात पर चर्चा के बाद 2 बसों के जरिए विधायकों को रायपुर ले जाया गया।
मुख्यमंत्री खुद एक बस में सवार थे। वे विधायकों को एयरपोर्ट छोड़कर वापस लौट आए। कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग के फैसले को लेकर जारी सियासी संकट के बीच सरकार ने हॉर्स-ट्रेडिंग जैसी आशंकाओं को देखते हुए एहतियातन अपने विधायकों को रायपुर शिफ्ट करने का फैसला किया।