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सोरेन परिवार पर संकट : चुनाव आयोग की नोटिस का जवाब देते ही बसंत पर लगा एक और आरोप

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रांची: 

इन दिनों झारखंड के सबसे बड़े राजनैतिक परिवार पर संकट आ गया है। हालात ऐसे हैं कि एक संकट दूर होता नहीं है कि दूसरा संकट घेर लेता है। सोरेन परिवार में कुछ ऐसा ही चल रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई विधायक बसंत सोरेन पर चुनावी शपथ पत्र में जानकारी छुपाने का एक नया आरोप लगा है। इस संबंध में निर्वाचन आयोग से शिकायत भी कर दी गयी है।


शिकायत में यह कहा गया है कि फार्म 26 में दिए गए हलफनामे के अनुसार झारखंड सरकार से स्वीकृत खनन-पट्टे से संबंधित तथ्य और निजी कंपनी जेबीआर शिवा इंफ्रास्ट्रक्चर एलएलपी में अपनी साझेदारी की बात छुपाई गयी है। 

चुनाव आयोग से बीजेपी ने की थी शिकायत
चुनाव आयोग में बसंत सोरेन के खिलाफ पहले से ही भाजपा ने एक शिकायत की थी, जिसपर आयोग एक्शन में है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि बसंत सोरेन का साहेबगंज में माइनिंग लीज है जो कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 9 (ए) का उल्लंघन है। इसी मामले को लेकर बीते पांच मई को ही निर्वाचन आयोग द्वारा बसंत सोरेन से यह पूछा गया था कि क्यों ना आपकी सदस्यता खत्म कर दी जाय।


12 मई तक जवाब देने का समय था, तय समयानुसार बसंत ने जवाब भी भेज दिया है। ऐसे में लगातार दूसरी शिकायत बसंत के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। 

हेमंत सोरेन को भी मिला है आयोग का नोटिस
ठीक ऐसे ही मामले में चुनाव आयोग ने सीएम हेमंत सोरेन से भी जवाब मांगते वक्त यह कहा था कि क्यों ना आप पर कार्रवाई की जाय। हालांकि सीएम ने जवाब ना देकर मां की बीमारी का हवाला देते हुए 4 हफ्तों का समय मांगा था। जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने सीएम को और 10 यानी 20 मई तक का मोहलत दिया है. सीएम हेमंत सोरेन के ऊपर भी जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 9(ए) का उल्लंघन का ही आरोप है।

 
इस बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की एक ट्वीट ने पहले से ही गर्म हो रखी राजनीति को और गर्म कर दिया है। दुबे ने दावा किया है कि चुनाव आयोग ने बसंत के खिलाफ मिले आरोपों के आधार पर केस दर्ज करने का आदेश दे दिया है।