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कांग्रेस के नाराज विधायक रांची के होटल रासो में हो रहे हैं जमा, क्या चल रहा है खेमे में 

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रांची 

चंपाई सोरेन की नई कैबिनेट गठन के बाद कांग्रेस के नाराज विधायक बिरसा चौक, एयरपोर्ट रोड के होटल रासो में जमा हो रहे हैं। अभी तक जो नाम सामने आये हैं, उनमें दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी और उमाशंकर अकेला के नाम हैं। खबर है कि कुछ देर में बाकी विधायक भी यहां पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि ये नाराज कांग्रेस विधायक यहां कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। बता दें कि कल यानी 16 फरवरी को चंपाई सोरेन सरकार की नई कैबिनेट का गठन हुआ है। इसमें कांग्रेस के कोटे से उन्हीं 4 विधायकों को मंत्री पद मिला है, जो हेमंत सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। इसके बाद से विधायकों का चेहरा बदलने की मांग कर रहे कांग्रेस के अन्य 12 विधायक पार्टी के इस फैसले से नाराज चल रहे हैं। 


सीएम चंपाई जा रहे हैं दिल्ली 

कांग्रेस ने अपने पुराने विधायकों पर ही भरोसा जताया है और उन्हें फिर से मंत्री बनाया है। इनमें आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख के नाम हैं। वहीं, जेएमएम के बसंत सोरेन और दीपक बरुआ को पहली बार मंत्री बनाया गया है। ऐसे में कांग्रेस के अन्य विधायकों में काफी नाराजगी है। कलह इतना बढ़ गया कि एक मंत्री का नाम लिस्ट में आने के बावजूद उनको मंत्री पद की शपथ नहीं दिलाई गई। वो थे बैजनाथ राम। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि 12वें मंत्रीपद पर कांग्रेस अपनी दावेदारी पेश कर रही है। इधर कैबिनेट गठन के बाद, आज 17 फरवरी को मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन दिल्ली जाने वाले हैं। उनके साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी दिल्ली जा रहे हैं। दोनों दोपहर विस्तारा से रांची एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे। दिल्ली पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री चंपाई और राजेश ठाकुर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे।   


जेएमएम के विधायक ने दिया अल्टीमेटम 

इधर, चंपाई सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जेएमएम विधायक बैद्यनाथ राम नाराज चल रहे हैं। उनको अंतिम समय में शपथ लेने के लिए राजभवन जाने के समय पता चला कि उनको मंत्री पद की शपथ नहीं लेनी है। इस पर उन्होंने कहा कि वे ठगा हुआ और अपमानित महसूसर कर रहे हैं। बता दें कि 12वें मंत्री के रुप में झामुमो के लातेहार से विधायक बैद्यनाथ राम का नाम शामिल था। सबकुछ ठीक चल रहा था, राजभवन से सूची भी निकल चुकी थी। लेकिन अचानक बैद्यनाथ राम का नाम काट दिया गया। नाम कटने से बैद्यनाथ राम काफी नाराज हैं। उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। बैद्यनाथ राम ने सरकार से कहा है कि अगले 2 दिन में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया तो कोई कड़ा कदम उठाएंगे।