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खेत में फसल चराने से रोका तो वृद्ध को गोली मारी, फिर तलवार से काटा

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द फॉलोअप टीम, खूंटीः
खूंटी जिले के सारदकेल गांव के साकेटोला में चार अपराधियों ने एक वृद्ध की बेरहमी से हत्या कर दी। पहले तो वृध्द को गोली मारी गई उसके बाद तलवार से काट दिया। मृतक की पहचान नारायण सिंह मुंडा (62वर्ष) के रूप में हुई है। घटना के बारे में बताया जा रहा है कि फसल चराने से रोकने पर चारों अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया। घटना बुधवार की रात 10 बजे की है। गोली चलने की आवाज सुनकर मौके पर जब मृतक का बेटा सुनील मुंडा पहुंचा तो अपराधियों ने उसे भी डंडे से मारकर घायल कर दिया। जिसके बाद सुनील मुंडा ने शोर मचाना शुरू किया। इसके बाद ग्रामीन जुटे। लेकिन तब तक अपराधी फरार हो चुके थे। गांव वालों ने तत्काल नारायण सिंह मुंडा को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर खूंटी पुलिस अस्पताल पहुंची और रात के एक बजे हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए सारिदकेल में छापेमारी शुरू की। 


इस तरह घटना को दिया अंजाम 
सुनील मुंडा ने पुलिस को बताया है कि चार अपराधी बंदूक, तलवार और लाठी लेकर आए थे। उनमें दो सनिका हस्सा और राम हस्सा थे और दो अन्य को सुनील नहीं पहचान पाया। बताया जा रहा है कि बुधवार की रात को उसके पिता नारायण सिंह मुंडा और मां गांगी मुंडाइन एक कमरे में सो रहे थे। तभी कुछ लोग दरवाजा खटखाने लगे। मां ने पूछा कौन है तो उधर से जवाब आया मेहमान हैं। इसके बाद भी जब उसके माता-पिता ने दरवाजा नहीं खोला, तब वे जोर-जोर से खटखटाने लगे। इसके बाद नारायण ने जैसे ही दरवाजा खोला उनकी आंख में अपराधियों ने टॉर्च मारी, उसके बाद बंदूक से दो गोली मार दी। नारायण सिंह मुंडा गिर गए तब अपराधियों ने उन्हें तलवार से काट डाला। यह सब देखकर मां कोने में छिप गई। आवाज सुनकर बेटा पहुंचा तो उसे भी लाठी से मारकर घायल कर दिया।


खेत में छोड़ देते थे मवेशी 
सुनील मुंडा ने बताया कि सनिका हस्सा और राम हस्सा हमेशा उनकी फसलों में मवेशी छोड़ देते थे। मंगलवार को दोनों आरोपी ने हमारे खेत में भेड़ चराने लगे। जब नारायण ने विरोध किया तो दोनों बहस करने लगे। इसके बाद दोनों ने धमकी दी थी कि वे उन्हें इसका अंजाम बताएंगे। सुनील मुंडा समेत गांव के लोगों ने कहा कि उसी विवाद के कारण नारायण सिंह मुंडा की हत्या की है। ग्रामसभा के सदस्यों ने बताया कि सनिका हस्सा और राम हस्सा अक्सर चोरी की घटना को अंजाम देते थे। इस कारण ग्रामसभा ने दोनों को ग्रामसभा से जेठ के महीने में ही बहिष्कृत कर दिया था।

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