द फॉलोअप डेस्कः
जेएसएससी सीजीएल परीक्षा को लेकर संशय बरकरार है। अभ्यर्थी इंतजार कर रहे हैं कि बस अब परीक्षा हो ही जाए। लेकिन दूसरी तरफ आज ही दैनिक भास्कर अखबार में खबर छपी है कि एक बार फिर परीक्षा की तिथि आगे बढ़ने की संभावना है। ऐसे में विपक्ष भी राज्य सरकार पर हमलावर है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को छात्रविरोधी बताया है। उन्होंने आज छपी खबर के बाद एक ट्वीट के जरिए कहा है कि "छात्रविरोधी हेमंत सरकार, करा दो परीक्षा बस एक बार"
आयोग परीक्षा कराने में असमर्थ
बाबूलाल ने जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि "झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 की तिथि तीन बार पहले ही स्थगित हो चुकी है,ऐसे में अब एक बार फिर से 'झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ' इस परीक्षा को कराने में असमर्थ साबित हो रहा है। जहां एक ओर आयोग ने परीक्षा केंद्रों का निर्धारण न कर पाने के बाद कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग से सहयोग मांगा है, वहीं दूसरी ओर कार्मिक विभाग ने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया है। ऐसे में फिर एक बार परीक्षा टलने की संभावना बढ़ गई है, जिससे लगभग 7 लाख अभ्यर्थियों के सामने एक बार फिर से रोजगार एवं जीवन यापन के लिए समस्याएं खड़ी हो गई हैं।"
जेएसएससी की मनमानी कम नहीं हो रही
नाकामियों का ताज पहने हेमंत सरकार ने एक बार फिर प्रतियोगी छात्रों को लाठी खाने को अपनी प्रगति समझने को मजबूर कर दिया है। जेएसएससी की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही। पिछली बार ठीकरा परीक्षा एजेंसी पर फोड़ा, अब ये खुद परीक्षा केंद्र तय नहीं कर पा रहे। हेमंत सोरेन ने झारखंड के युवाओं को बेरोजगारी और अनिश्चितता के चक्र में पीसने को मजबूर कर दिया है।