द फॉलोअप डेस्कः
आज रांची के मोरहाबादी में अखिल भारतीय भुईया समाज का सम्मेलन किया गया। जहां ग्रामीण कार्य एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि 2019 में झारखंड सरकार के कैबिनेट द्वारा भुईया जाति की सभी उपाधि प्राप्त जातियों को अनुसूचित जाति का लाभ देने के लिए पारित प्रस्ताव का चार साल बाद भी व्यावहारिक अनुपालन नहीं होना गंभीर चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही इस मामले में भुईया जाति को अनुसूचित जाति का लाभ दिलाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने विश्वास दिलाया कि भुईया जाति के सभी लोगों को अनुसूचित जाति का लाभ नहीं मिलने के कारणों की तह तक वे जायेंगे और न केवल भुईया बल्कि झारखंड में जितनी भी अनुसूचित जाति और जनजाति है उन सभी को उसका संवैधानिक अधिकार दिलवाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरीके से संकल्पित है। आगे वह बोले लोकतंत्र, समानता और सभी का विकास कांग्रेस पार्टी का मूलभूत सिद्धांत है इसलिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की थी।
जिनके लिए झारखंड बना उनको उनका अधिकार ही नहीं दिया गया
सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि यूपीए की सरकार आने के बाद झारखंड सरकार सही दिशा में काम कर रही है। जब भाजपा की सरकार थी तब दूरदर्शिता, लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पण और समाज के सभी वर्गों को उसका अधिकार दिलाने के प्रति नकारात्मक विचार थे। उन्होंने कहा कि उन अफसरों को पहचानने की जरूरत है जिनके कारण 4 साल पहले झारखंड कैबिनेट से पारित प्रस्ताव का जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन अबतक नहीं हो सका है। सम्मेलन में कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि झारखंड के विभिन्न जिलों में फैली हुई भुईया जाति की पाइक, खंडित पाइक, खंडित, प्रधान, कोटवार, मांझी, देहरी, क्षत्रिय, छतरिया, गरही, गड़ाही, खंडित भुइया आदि उपाधि प्राप्त अनुसूचित जाति के लोग आज स्वतस्फूर्त रांची में जुटे हैं और उनकी एकमात्र मांग अपने संवैधानिक अधिकारों की प्राप्ति है। झारखण्ड के लिए यह घोर निराशा की बात है कि जिन लोगों के लिए झारखंड का गठन किया गया था उन्हें उनका अधिकार अब तक नहीं मिला है।
भुईया की सभी समस्या का होगा समाधान
समारोह में मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की भी थीं। उन्होंने इस दौरान कहा कि 2005 में पहली बार पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने झारखंड विधानसभा में भुईया अनुसूचित जाति की खतियान सम्बन्धी विविध विसंगतियों को झारखण्ड विधानसभा में उठाया था लेकिन आज 18 साल गुजरने के बाद भी यदि समस्या का समाधान नहीं हो पाया है तो हमें अपने अंदर झांकने की जरूरत है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि भुईया जाति के सभी उपाधि प्राप्त लोगों की सभी समस्याओं का समाधान हो जायेगा। समारोह में अपने संबोधन में अखिल भारतीय भुईया समाज के अध्यक्ष मेघनाथ नाइक ने कहा कि भुईया समाज ने हमेशा देशहित और झारखण्ड के हित में काम किया है। लेकिन भुईया समाज के लाखों लोगों को उनका संवैधानिक अधिकार नहीं मिलना बहुत दुखद है। भुईया जाति के लाखों लोगों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण उन्हें किसी भी सरकारी कल्याणकारी योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। साथ ही इसके कारण अनेक बच्चों की पढ़ाई और मेडिकल, इंजीनियरिंग में आरक्षण पर आधारित उनका नामांकन नहीं होने के कारण भविष्य अंधकारमय हो रहा है। आज के सम्मेलन को मुरलीधर कोटवार, उदय प्रताप सिंह, रामकृपाल प्रधान, दुर्गानाथ पाइक, जगन्नाथ नायक, हरिश्चन्द्र मांझी, मनोज पाइक, आकाश खंडित, नीलाम्बर सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया।
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