रांची
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस और झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव लाल को सस्पेंड कर दिया गया है। सीएम चंपाई सोरेन की ओर से सहमति मिलने के बाद कार्मिक विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि 6 मई को संजीव लाल के नौकर जहांगीर के यहां से ईडी ने 35 करोड़ रुपये जब्त किये हैं। साथ ही प्रोजेक्ट भवन स्थित उनके चेंबर से ईडी अधिकारियों को दो लाख रुपये कैश मिले हैं। इस संबंध में संजीव लाल की पत्नी को भी कल ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। दोनों पति औऱ पत्नी को ईडी ने आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की है। संजीव लाल की पत्नी ने कहा है कि 35 करोड़ कहां से आये, इसकी जानकारी उनको नहीं है।
6 मई को मिले हैं 35 करोड़
गौरतलब है कि 6 मई को मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी के नौकर जहांगीर के घर से 35 करोड़ से अधिक राशि मिलने के बाद से ईडी कई खुलासे किये है। बताया जा रहा है कि जहांगीर की सैलरी हजारों में थी लेकिन उसका खर्च करोड़ों में था। जहांगीर के बैंक अकाउंट डिटेल्स की जांच में भी कई अहम खुलासे हुए हैं। संजीव लाल की काली कमाई से जहांगीर आलम ने करोड़ों खर्च किए हैं। जहांगीर के अकाउंट में भी लाखों रुपये जमा हैं। जबकि जहांगीर को सैलरी के तौर पर कुछ हजार ही मिलते थे। लेकिन उसने फ्लैट और गाड़ियों की खरीद में करोड़ों खर्च किए हैं।
जहांगीर के नाम पर फ्लैट खऱीदा
ईडी ने बताया है कि जहांगीर मे हाल ही में सर सैयद रेजीडेंसी फ्लैट खरीदा था। एजेंसी ने अपनी जांच में पाया कि संजीव लाल ने यह फ्लैट किसी दूसरे बिल्डर से खरीदा था। फ्लैट जहांगीर के नाम पर खरीदा गया था, इस फ्लैट को खरीदने का मकसद यहां कालेधन को रखना था। ईडी ने संजीव लाल और जहांगीर तथा उनके आश्रितों के सभी बैंक खातों की जानकारी मांगी है। इन खातों के जरिए बैंक खातों में आए पैसों के स्रोत की भी जानकारी जुटाई जा रही है। फ्लैट की खरीद में कितने पैसे का भुगतान किया गया, भुगतान के तरीके क्या थे, इसकी भी जांच की जा रही है।
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