रांची:
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि सभी किसानों को चाहे वे खेतीबाड़ी, पशुपालन, दुग्ध या मत्स्य उत्पादन से जुड़े हैं। उन्हें केसीसी के लाभ सुखाड़ को देखते हुए दिए जाएं। पीएम किसान योजना के तहत लाभुकों का सत्यापन करने का निर्देश भी दिया है। वे आज नेपाल हाउस स्थित सभागार में राज्य स्तरीय बैंकर समिति की कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों पर उप समिति की वर्ष 2022-23 की दूसरी बैठक में नाबार्ड और विभिन्न बैंकों के उच्च पदाधिकारियों को निर्देश दे रहे थे।
कृषि माफी योजना की समीक्षा की गई
बैठक के दौरान झारखंड कृषि ऋण माफी योजना की भी समीक्षा की गई। अबूबकर सिद्दीक ने बैंक के पदाधिकारियों को कहा कि वह जिला स्तर पर अपने ब्रांच वार योजना की समीक्षा करें और इस बात का प्रमाण पत्र दें कि सरकार की स्कीम के तहत किसानों के जो ऋण माफ होने थे वह माफ हो गए हैं। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत लाभुकों ने योजना प्रस्ताव समर्पित किया। उस प्रस्ताव का स्क्रीनिंग एवं अनुमोदन भारत सरकार के पीएमयू के द्वारा किया गया, वैसे लाभुकों को भी बैंक ने अभी तक ऋण उपलब्ध नहीं कराया है इसे लेकर विभागीय सचिव ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि झारखंड में बने नए एफपीओ को खाद लाइसेंस दिए जाएं।
केसीसी का लाभ सभी किसानों को दिया जाये
केसीसी के अलावा अन्य किसानों को दिए जाने वाले टर्म लोन लक्ष्य के अनुरूप नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रथम तिमाही में कुछ बैंक की उपलब्धि संतोषजनक नहीं है, आने वाले समय में शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति करें। बैठक में कृषि निदेशक निशा उरांव, विशेष सचिव प्रदीप हजारे, निदेशालय स्तर के पदाधिकारी ,नाबार्ड के सीजीएम, विभिन्न बैंकों के वरीय पदाधिकारी मौजूद थे।