रांची:
विपक्ष के हंगामे के बीच सोमवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 3130 करोड़ रुपये का अनुदान मांग पारित हुआ। बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 2 वर्षों में राज्य के 3 लाख 80 हजार 150 किसानों का 50 हजार रुपये का कृषि ऋण माफ किया गया है। कहा कि इस मद में 1516 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया गया है।
वोट बैंक की तरह इस्तेमाल नहीं होंगे किसान
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि हमारी सरकार किसानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल नहीं किया। हमने जो वादा किया है उस पर काम कर रहे हैं। यही वजह है कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कृषि सेक्टर में 26 प्रतिशत का ग्रोथ हुआ है। मंत्री के जवाब के बीच मे ही भाजपा विधायकों ने हंगामा करते हुए सदन का बहिष्कार किया।
बीमा कंपनियों की मनमानी को बंद किया गया
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बीमा कंपनियों की मनमानी के कारण बंद किया गया। कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए राज्य सरकार ने 565 करोड़ का प्रीमियम भुगतान किया। जबकि बीमा कंपनी ने मात्र 90 करोड़ रुपये की बीमा का भुगतान किसानों को किया। कृषि मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार में किसानों की संख्या 35-38 लाख बताई गई थी जबकि राज्य में किसानों की संख्या 58 लाख है। सरकार सभी किसानों को क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है। बैंकों को सीडी रेसियो बढ़ाने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है।
पूर्ववर्ती सरकार में गाय वितरण में हुई गड़बड़ी
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि पूर्व की सरकार में गाय वितरण में भी गड़बड़ी हुई। सारठ प्रखंड में ज्यादा गाय का वितरण किया गया। जांच कराया तो पता चला कि खुटा में गाय नहीं है। मुख्यमंत्री पशुधन योजना को धरातल पर उतारने में समस्याएं आ रही है क्योंकि योजना का आकार बड़ा है। हम इस योजना को पूरा करेंगे और सरकार इस दिशा में काम कर रही है। मुख्यमंत्री से विमर्श कर इस योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है।
चुनौतियों का सामना कर किसान हित में होगा काम
बादल पत्रलेख ने कहा कि सरकार के सामने चुनौती है और हम उस चुनौती का सामना करते हुए किसानों के हित में काम करेंगे। अभी भी किसानों की ऋण माफी योजना जारी है और इसके लिए 926 करोड़ रुपये का प्रावधान वर्तमान बजट में है। स्मार्ट विलेज देश के लिए रोल मॉडल होगा। बीज वितरण का बजट 60 करोड़ किया गया है।