द फॉलोअप डेस्कः
रांची के सांसद संजय सेठ ने रविवार को कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। संजय सेठ के शपथ लेने के बाद रांची संसदीय सीट को 12 साल बाद मंत्री पद मिला है। इससे पहले पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय 2012 तक केंद्र में मंत्री रहे थे। संजय सेठ केंद्र में मंत्री बनने वाले रांची के तीसरे सांसद हैं। संजय सट ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली है। बता दें कि रांची लोकसभा सीट से सबसे पहले जनता पार्टी के रवींद्र वर्मा ने मोरारजी देसाई मंत्रालय में 1977 से 1979 तक श्रम और संसदीय कार्य मंत्री बने थे। वहीं, कांग्रेस के सुबोधकांत सहाय भी मंत्री रह चुके हैं। अब संजय सेठ को मंत्री बनाया गया है।
दो बार जेल जा चुके हैं सेठ
गौरतलब है कि संजय सेठ खादी बोर्ड के अध्यक्ष और चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। संजय सेठ 1976 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से डीएवी कॉलेज कानपुर में छात्र संघ का चुनाव भी जीत चुके हैं। कानपुर से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस मैनेजमेंट्स इंडस्ट्रियल एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है। इसके अलावा संजय सेठ लॉ ग्रेजुएट भी हैं। अपनी राजनीतिक यात्रा के दौरान दो बार जेल भी जा चुके हैं। 1992 में लालकृष्ण आडवाणी जिस दिन गिरफ्तार हुए थे, उसी दिन संजय सेठ भी गिरफ्तार हुए थे और 25 दिनों तक रांची केंद्रीय कारावास में रहे थे। इसके अलावा 2013 के जनवरी माह में पार्टी कार्यक्रय के तहत 7 दिन बिरसा मुंडा जेल में रहे थे।
सुबोधकांत सहाय और उनकी बेटी को हरा चुके हैं संजय सेठ
रांची से लगातार दूसरी बार निर्वाचित हुए 64 वर्षीय बीजेपी सांसद संजय सेठ ने कांग्रेस की प्रत्याशी और पूर्व मंत्री सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय को 120512 वोटों के अंतर से हराया है। संजय सेठ को 6,64,732 वोट मिले थे जबकि यशस्विनी को 5,44,220 वोट प्राप्त हुए थे। इसी सीट पर संजय सेठ ने यशस्विनी के पिता सुबोधकांत को 2019 के चुनाव में हराया था। संजय सेठ को 706,828 वोट मिले थे जबकि सहाय को केवल 4,23,802 वोट ही मिल पाए थे।