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2 लाख का इनामी नक्सली मुनेश्वर गंझू ने डाले हथियार, आत्मसमर्पण नीति से हुआ प्रभावित 

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द फॉलोअप डेस्क, रांची 
झारखंड की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर लगातार उग्रवादी सरेंडर कर रहे हैं। सोमवार को टीएसपीसीएस संगठन का सक्रिय उग्रवादी मुनेश्वर गंझू उर्फ विक्रम जी ने सरेंडर कर दिया। मुनेश्वर गंझू ने झारखंड की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर रांची एसएसपी चंदन सिन्हा की मौजूदगी में सरेंडर कर हथियार डाल दिया है। बता दें कि मुनेश्वर गंझू उर्फ विक्रम जी पर झारखंड पुलिस ने 2 लाख रूपये की नकद राशि का इनाम रखा था।  

एरिया कमांडर था मुनेश्वर गंझू 
मुनेश्वर गंझू उर्फ विक्रम जी मूल रूप से हजारीबाग के केरेडारी का रहे वाला है। महज 22 वर्ष की उम्र में उसे टीएसपीसी संगठन का एरिया कमांडर बना दिया गया। मुनेश्वर गंझू पर झारखंड के विभिन्न थानों में दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं। मुनेश्वर पर हत्या, लेवी वसूली और आर्म्स एक्ट जैसे कई संगीन धाराएं लग चुकी हैं। वह आज से 8-9 साल पहले टीएसपीसी संगठन में शामिल हुआ था। मुनेश्वर टीएसपीसी संगठन के लिए बतौर एरिया कमांडर के रूप में सक्रिय था। 

आत्मसमर्पण का बताया कारण 
मुनेश्वर गंझू ने आत्मसमर्पण करने के बाद बताया कि संगठन अब पहले जैसा नहीं रहा। उसने बताया कि TSPC संगठन शोषण और लेवी वसूली करने में लगी हुई है। यह पार्टी न्याय-अन्याय की बात अब नहीं कर रही है। इस संगठन के शीर्ष नेताओं को सिर्फ लेवी का पैसा चाहिए। TSPC संगठन के शीर्ष नक्सली कमाण्डर नीचे के कमाण्डरों का शोषण एवं सिद्धान्त के विपरित काम कर रहे हैं। वे इलाकों के ग्रामीणों को अनावश्यक रूप से लेवी के लिए प्रताड़ित कर रहे हैं। मुनेश्वर ने बताया कि नक्सलियों द्वारा की जा रही ग्रामीणों की प्रताड़ना से तंग आकर परिवार के साथ रहकर सामान्य जीवन जीने के लिए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर रहे हैं। उसने संगठन के सक्रिय नक्सली साथियों से अपील की है। वे लोग भी झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ लेकर हथियार डालें और पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दें।

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