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राज्य के 7 लाख अवैध मकानों को सुप्रीम कोर्ट से मिला झटका, किसी भी हालत में नहीं माना जाएगा वैध 

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द फॉलोअप डेस्क 
झारखंड सरकार लंबे समय से बिना नक्शा पास कराए बने मकानों को वैध करने की कोशिश कर रही थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक आदेश में कहा कि अवैध तरीके से बने मकानों को किसी भी हालत में वैध नहीं किया जा सकता। इस फैलसे के बाद राज्य के 40 शहरों में करीब 7 लाख अवैध मकानों को वैध करने की योजना को झटका लगा है। रांची में ऐसे मकानों की संख्या 1.88 लाख है। 

सरकार बना रही थी मसौदा
राज्य सरकार पिछले कुछ सालों से इन मकानों को वैध बनाने के लिए मसौदा तैयार कर रही थी। इसके लिए ओडिशा, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के मॉडल का अध्ययन कराया गया था। हेमंत सोरेन सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में भी इस पर काम शुरू किया था। योजना यह थी कि बिना नक्शा पास किए बने मकानों को नियमों के तहत रेगुलराइज कर दिया जाए। 

सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश 
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया है कि बिना नक्शा पास कराए या गलत तरीके से बनाए गए भवनों को वैध करना नियमों के खिलाफ है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे निर्माण को नियमित करके लोगों को नियम तोड़ने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता। चाहे मकान कितना भी पुराना क्यों न हो, अवैध निर्माण को वैध करना गलत होगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भवन निर्माण के नियमों का पालन अनिवार्य है। 


 

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