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ठंड में ठिठुरते हुए स्कूल जाएंगे बच्चे, 23 लाख छात्रों को अब तक नहीं मिला स्वेटर और पोशाक

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द फॉलोअप डेस्कः 
झारखंड के सरकारी स्कूलों में बच्चों को चाहे साइकिल देने की बात हो, राशि देने की बात हो, पोशाक देने की बात हो या फिर स्वेटर, हर चीज में सरकार सही समय पर बच्चों तक उनके जरूरत का सामान पहुंचाने में असफल रहती है। चीजें मिलती जरूर है लेकिन असमय। आज प्रभात खबर अखबार में इससे जुड़ी सुनील कुमार झा की एक रिपोर्ट छपी है। जिसमें बताया गया है कि शैक्षणिक सत्र शुरू हुए चार महीने से भी ज्यादा समय हो गया है लेकिन बच्चों को अब तक पोशाक और स्वेटर नहीं दिया गया है। छपी खबर के मुताबिक 34 लाख में से 23 लाख विद्यार्थियों को अब तक पोशाक और स्वेटर नहीं दिया गया है। इससे तो यही समझ सकते हैं कि नवंबर में बच्चे ठंड में ठिठुरते हुए स्कूल जायेंगे। 


मात्र 33 प्रतिशत ही खर्च हो सका है
जानकारी के मुताबिक झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से जुलाई में ही सभी जिलों को राशि (करीब 209 करोड़ रुपये) दी जा चुकी है। झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से इस साल झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले कुल 34,93,402 विद्यार्थियों को पोशाक दिया जाना है। लेकिन अब तक केवल 11,08,833 विद्यार्थियों को ही पोशाक की राशि मिल पाई है। जबकि 23,84,569 बच्चे आस लगाए बैठे हैं। उपलब्ध करायी गयी कुल राशि में से सभी जिलों को मिला कर अब तक 33% ही खर्च हो पाया है। राज्य के 19 जिलों में तो आधी राशि भी खर्च नहीं की जा सकी है। 


सितंबर तक मिल जाना चाहिए था पोशाक और स्वेटर 
सरायकेला-खरसावां जिला में सबसे अधिक 66% राशि खर्च हो चुकी है। पाकुड़, रामगढ, जामताड़ा और पूर्वी सिंहभूम इस मद में 50% से अधिक राशि खर्च किये जा चुके हैं। जबकि, हजारीबाग व साहिबगंज में सितंबर तक एक रुपया खर्च नहीं किया गया था। वहीं, कोडरमा और दुमका में 10% से कम राशि खर्च की गयी है। विभाग ने सभी जिलों को 30 सितंबर शत-प्रतिशत बच्चों को पोशाक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। 

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