द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की सीजीएल (कंबाइंड ग्रेजुएट) पेपर लीक मामले में पुलिस ने पटना से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम वीरेंद्र कुमार शर्मा और शंकेश हैं। रांची से पटना गई पुलिस ने दानापुर कैंट से वीरेंद्र कुमार शर्मा और मनेर के काजी मुहल्ला से शंकेश कुमार गौंड को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उन्होंने कई अहम तथ्यों का खुलासा किया है। उन्होंने अपना अपराध स्वीकार करते हुए पेपर लीक करने की बात स्वीकार की है। उक्त दोनों आरोपी मामले के अप्राथमिक अभियुक्त हैं। उनके पास से जब्त मोबाइल फोन से स्नातक स्तरीय परीक्षा से संबंधित कई परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र व व्हाट्सएप चैट भी मिले हैं। वहीं कई परीक्षार्थियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र तथा मार्क्सशीट भी मिले है, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। इस संबंध में केस के आइओ अमर कुमार पांडेय ने बताया की जांच के क्रम में उन्हें उक्त आरोपियों के संबंध में जानकारी मिली, उसके बाद इस मामले के लिए बनायी गयी एसआइटी पटना पहुंची और स उक्त आरोपियों को गिरफ्तार किया।
इस मामले में जुलाई महीने में बिहार के आरा से अमन सिंह नामक शख्स को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से कई परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड, पेपर उपलब्ध कराने के एवज में मनी ट्रांजैक्शन के साक्ष्य, लैपटॉप और मोबाइल बरामद किए गए थे। अमन सिंह से पूछताछ में पटना में छिपे दो आरोपियों के बारे में सुराग मिले थे। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 28 जनवरी को आयोजित कंबाइंड ग्रैजुएट लेवल एग्जाम (एसएससी-सीजीएल) की परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। इसके बाद आयोग ने पहले थर्ड पेपर यानी सामान्य ज्ञान की परीक्षा रद्द कर दी थी।
अभ्यर्थियों के हंगामे के बाद आयोग को तीनों पत्रों की परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। जेएसएससी-सीजीएल की इस परीक्षा के जरिए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में 2025 पदों पर नियुक्ति की जानी थी। इसके लिए साढ़े छह लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। रांची पुलिस की एसआईटी ने पेपर लीक के इस केस में झारखंड विधानसभा के अवर सचिव मो. शमीम और उनके दो बेटों को फरवरी महीने में ही गिरफ्तार किया था। इनके पास से कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, कई नामों वाले ब्लैंक चेक और कुछ मोबाइल फोन बरामद किए गए थे।