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1932 आधारित स्थानीयता बिल को सदन से किया गया पारित, BJP ने सरकार की मंशा पर उठाया सवाल

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:
झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र जारी है। बुधवार यानि आज सदन का चौथा दिन है। आज हेमंत सोरेन सरकार 1932 आधारित स्थानीयता बिल को दोबारा सदन में पेश किया। सदन में सर्वसम्मति से इस विधेयक को पारित कर दिया गया। इसके बाद बीजेपी ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा किया है। बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने स्थानीयता बिल को सदन में बिना किसी बदलाव के पेश किया। सीएम ने विधेयक पर बोलते हुए कहा कि राज्यपाल को संशोधन का अधिकार नहीं है। गौरतलब है कि यह बिल राजभवन से दो बार वापस लौटाया जा चुका है। पहले, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस ने अपने कार्यकाल के दौरान स्थानीयता बिल को वापस लौटा दिया वहीं दूसरी बार मौजूदा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने इसे वापस कर दिया है। सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि इसे इसी रूप में पारित करना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन होगा। 

राज्यपाल ने बिल लौटाते हुए क्या सलाह दी थी
बता दें कि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने स्थानीयता बिल को लौटाते हुए अपे संदेश में कहा कि दूसरे प्रदेश के लोगों को नौकरी के लिए आवेदन देने से रोकना संवैधानिक प्रावधानोंका उल्लंघन है। राज्यपाल ने कहा कि पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की बजाय दूसरे प्रदेश के लोगों के लिए संवैधानिक रूप से सुरक्षित मार्ग यह होगा कि सभी मामलों में समान होने की स्थिति में स्थानीय व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। 5 साल की अवधि के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी। राज्यपाल ने कहा कि बिल की धारा-6-A संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 (2) का उल्ल्ंघन करती है क्योंकि अनुच्छेद 14 भारतीय नागरिकों को समता का अधिकार देता है वहीं अनुच्छेद 16 कहता है कि भारतीय नागरिकों में जन्म स्थान, लिंग, धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। अनुच्छेद 16 (2) सभी नागरिकों को नियोजन में समान अवसर का हक देता है। 

11 नवंबर 2022 को विधानसभा से पारित हुआ था बिल
गौरतलब है कि 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता बिल को 14 सितंबर 2022 को कैबिनेट की मंजूरी मिली थी। 11 नवंबर 2022 को राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने इसे विधानसभा में पेश किया जहां विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो गया। हालांकि, इस बिल को अभी तक राज्यपाल की मंजूरी नहीं मिल सकी है। बुधवार (20 दिसंबर) को दोबारा बिल को उसी स्वरूप में पेश किया जाएगा। इस बीच बीजेपी ने कहा है कि सरकार विधानसभा में संकल्प पारित कर इसे राज्यभर में लागू कर दे।