रांची
हज़ारीबाग़ लोकसभा से निर्दलीय प्रत्याशी रहे संजय मेहता ने कहा कि सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों को सरकार स्वीकार करे। उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि ऐसा नहीं होने पर और उग्र आंदोलन शुरू किया जायेगा। बता दें कि मेहता ने रविवार को रांची पहुंच आंदोलनरत सहायक पुलिस कर्मियों से मुलाकात की। उन्होंने धरना स्थल पर जमे प्रदर्शन कारियों से कुशलक्षेम जाना एवं उनके मुद्दों पर चर्चा की। जेबीकेएसएस की ओर से उन्होंने सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन को समर्थन देते हुए आखिरी वक्त तक उनके साथ खड़े होने का वादा किया।
कहा, ये गंभीर विषय
उन्होंने झारखंड सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित कराते हुए कहा कि यह एक गंभीर विषय है, जहां आप या आपके अधिकारी नहीं पहुंच पा रहे वहां इन बहादुर जवानों ने अपनी सेवा दी है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इनका योगदान अहम है। ऐसे में इनका मानदेय मात्र दस हज़ार रुपये होना आश्चर्य की बात है।
सीएम को आने के लिए कहा
उन्होंने आंदोलनरत पुलिसकर्मियों की मुख्य मांग आरक्षी संवर्ग में समायोजन का समर्थन करते हुए कहा कि यदि सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों को नहीं माना जाता है तो पूरे झारखंड से सैकड़ो युवा इस आंदोलन में भाग लेंगे। संजय मेहता ने झारखंड पुलिस के डीजीपी एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी धरना स्थल पहुंच पुलिस कर्मियों से संवाद स्थापित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि मोरहाबादी में लगी बापू की प्रतिमा आपके कार्यालय से ज़्यादा दूर नहीं है। संवाद स्थापित नहीं होने से झारखंड के युवाओं में आक्रोश पनप रहा है जो गलत धारणाओं को जन्म दे रहा है। इसलिए आ कर बात-चीत करें।