रांची:
झारखंड के रांची जिला स्थित मांडर में दलित छात्र की मौत मामले में राजनीति तेज हो गई है। बीजेपी विधायक दल के नेता अमर बाउरी ने मामले में सरकार से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। 19 नवंबर को संत जॉन्स हाईस्कूल के हॉस्टल में दलित छात्र युवराज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मृतक युवराज चतरा के हंटरगंज का रहने वाला था। अमर बाउरी ने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष के दंबग नेता द्वारा केस को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस भी उसका सहयोग कर रही है। अमर बाउरी ने आरोप लगाया है कि पुलिस और स्कूल प्रबंधन ने मजिस्ट्रेट की गैर-मौजूदगी में शव का पोस्टमॉर्टम करवा दिया है। शव का आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया। बीजेपी एसटी मोर्चा भी मामले की जांच कर रही है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से छेड़छाड़ का आरोप
अमर बाउरी ने आगे कहा कि मृतक के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है। कहा है कि युवराज के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से छेड़छाड़ की गयी है। युवराज पासवान ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उसकी हत्या कर उसे कुएं में डाल दिया गया था। परिजनों ने आरोप लगाया है कि सत्ता पक्ष का एक दबंग नेता बार-बार फोन कर पुलिस पर दबाव बना रहा है। मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस अब तक आत्महत्या से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर पायी है। इससे साबित होता है कि हत्या को आत्महत्या बताकर प्रचारित किया जा रहा है।
कौन लोग हैं मोर्चा की जांच कमेटी में
अमर बाउरी ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने मृतक के परिजन को 25 लाख रुपये का मुआवजा एवं दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग राज्य सरकार से की है। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसे मामले को गंभीरता से ले ताकि भविष्य में किसी भी छात्र के साथ ऐसी घटना न हो। उनके जीवन के साथ खिलवाड़ न हो। बता दें कि बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा की जांच कमेटी में प्रदेश महामंत्री रंजय भारती, प्रदेश मंत्री कमलेश राम, प्रदेश मंत्री विशाल वाल्मीकि शामिल हैं।