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हेमंत सोरेन ने ST-SC थाने में केस दर्ज कराकर ED अधिकारियों पर क्या आरोप लगाये हैं, देखिए डिटेल

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची स्थित ईडी के जोनल ऑफिस में पदस्थापित ज्वॉइंट डायरेक्टर देवव्रत झा, अधिकारी अनुपम कुमार और अमन पटेल सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराया है। हेमंत सोरेन ने कहा कि मुझे इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के जरिये जानकारी मिली कि दिल्ली स्थित झारखंड भवन औ शांति निकेतन स्थित मेरे आवास में ईडी द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया गया। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यह मुझे मेरे पूरे समुदाय (आदिवासी) को बदनाम करने की साजिश थी। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति से होने की वजह से मेरे खिलाफ साजिशन यह कार्रवाई की गई।

दिल्ली प्रवास के दौरान नियम विरुद्ध कार्रवाई हुई! 
मुख्यमंत्री ने लिखित आवेदन में बताया कि मैं 27 और 28 जनवरी को दिल्ली के 2 दिवसीय प्रवास पर था। इस दौरान शांति निकेतन स्थित आवास में रुका था जिसे झारखंड राज्य द्वारा आवास और कार्यालय के उपयोग हेतु लीज पर लिया गया है। सीएम ने कहा कि 29 जनवरी को मुझे जानकारी मिली की उपरोक्त अदिकारियों द्वारा मेरे आवासीय कार्यालय की जानकारी ली गई। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि उन्हें जानकारी दिये बिना यह कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने मुझसे 29-31 जनवरी के बीच रांची में मौजूद रहने के लिए कहा गया था। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि मुझे बिना सूचना दिए अधिकारियों ने न केवल सर्च ऑपरेशन चलाया बल्कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया को इसकी जानकारी भी दी ताकि कथित खोज को तमाशा बनाकर आम नागरिकों की नजरों में मेरी बदनामी हो।

 

बरामद कार और नकदी से मेरा लेना-देना नहीं
दिल्ली स्थित मुख्यमंत्री के आवास से कथित तौर पर 36 लाख रुपये नकद और बीएमडब्ल्यू कार की बरामदगी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं उस कार का मालिक नहीं है। जिस अवैध नकदी की बरामदगी की बात की जा रही है वह भी मेरा नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन अधिकारियों ने मेरे खिलाफ साजिशन यह कार्रवाई की वे एससी या एसटी वर्ग से नहीं आते। उन्होंने जानबूझकर मुझे बदनाम करने और सार्वजनिक रूप से मुझे अपमानित करने के लिए यह कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जानते हुए भी कि इस कृत्य के लिए उन्हे इस अपराध के लिए 7 वर्ष की सजा दी जा सकती है, उन्होंने यह कार्रवाई की। 

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि ईडी के उक्त कार्रवाई से मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों को मानसिक, मनौवैज्ञानिक और भावनात्मक क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कर विधिसम्मत कार्रवाई करने की मांग की है।