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बांग्ला देश में हिंसा : आरक्षण को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच भारत पहुंचे 13 छात्र, 105 लोगों की हो चुकी है मौत  

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द फॉलोअप नेशनल डेस्क 

बांग्ला देश में आरक्षण के विरोध में देशव्यापी हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच 13 छात्र ढाका से भारत पहुंचे हैं। 13 छात्रों में से एक भारतीय असम, एक भूटान, एक मालदीव और 10 छात्र नेपाल से हैं। इस बात की जानकारी कूचबिहार के एसपी ने दी है। बता दें कि बांग्ला देश में आरक्षण को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बीच अधिकारियों ने देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया है। हिंसा में अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है।  हजारों लोग घायल हुए हैं। 

इधर, नौकरी में आरक्षण के खिलाफ बांग्ला देश में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन पर मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा ने कहा, "हम जानते हैं कि स्थिति एक स्थानीय मुद्दा है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जैसे ही हमें यह जानकारी मिली, हम तुरंत कार्रवाई में जुट गए। भारत के करीब 405 छात्रों को बांग्लादेश से निकाला गया है। उनमें से 80 मेघालय से हैं। हम भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं। 


बता दें कि 19 जुलाई को भी मेघालय चेक पोस्ट के रास्ते बांग्लादेश से 202 भारतीय वापस आये थे। आरक्षण को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के चलते बांग्लादेश में फंसे कम से कम 202 भारतीय नागरिक, मेघालय के डॉकी एकीकृत चेक पोस्ट के जरिए भारत आये। इनमें ज्यादातर छात्र शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया कि 202 में से 198 छात्र हैं और उनमें से 67 मेघालय के रहने वाले हैं। सीमा पार करने वाले अन्य छात्रों में नेपाल (101) और भूटान (7) के छात्र शामिल हैं। इसके अलावा 23 लोग देश के अन्य राज्यों से हैं और 4 पर्यटक हैं। इधर, एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार भारतीयों की सुरक्षित वापसी की सुविधा के लिए बांग्लादेश उच्चायोग और भूमि बंदरगाह प्राधिकरण के संपर्क में है।


 

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