द फॉलोअप डेस्क
स्मृति इरानी (Smriti Irani) के मदीना विजिट पर पाकिस्तान (Pakistan) की तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा है कि भारतीय डेलीगेशन में शामिल स्मृति इरानी बिना सिर ढके मस्जिद में चली गईं। हालांकि मिली खबरों में कहा गया है कि इरानी के साथ गया भारतीय डेलीगेशन मस्जिद के अंदर तक नहीं, बल्कि मस्जिद परिसर तक गया। बहरहाल पाकिस्तान ने आगे कहा है कि डेलीगेशन में शामिल दो अन्य भारतीय महिलाएं साड़ी और सलवार सूट पहनकर मदीना की मस्जिद में पहुंची। कहा कि मजहबी नजरिये से इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वहीं एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल ने इरानी के डेलीगेशन को हिंदू डेलीगेशन कहकर संबोधित किया है।
क्या है मामला
गौरतलब है कि केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री स्मृति इरानी पिछले सप्ताह साउदी अरब के दौरे पर थीं। भारतीय डेलीगेशन में पुरुषों के साथ दो महिलाएं भी शामिल थीं। डेलीगेशन हज की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सऊदी अरब के दौरे पर था। इरानी ने इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर जारी की हैं। दौरे के बीच डेलीगेशन को अरब अधिकारियों ने मदीना के अल नबवी और कुबा मस्जिद के परिसर तक इजाजत दी। इसी पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया आयी है। एक पाक न्यूज एजेंस ने लिखा है कि कुबा मस्जिद को इस्लाम की पहली मस्जिद होने के दर्जा प्राप्त है। 622 ईस्वी में इसका निर्माण खुद पैगम्बर मोहम्मद ने किया था। ऐसी पवित्र जगह पर साड़ी और सलवार में जाना उचित नहीं है।
पाकिस्तान को इस बात से भी है चिढ़
दरअसल पिछले पांच सालों में भारत और सऊदी अरब के संबंधों में मजबूती आयी है। दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्ते भी विस्तार ले रहे हैं। पाकिस्तान को इसी बात से तकलीफ है। शायद यही कारण है कि पाकिस्तान इसे भारतीय डेलीगेशन न कहकर हिंदू डेलीगेशन बता रहा है। बता दें कि स्मृति इरानी के साथ मंत्री वी मुरलीधऱण भी सऊदी अरब दौरे पर गये थे। उन्होंने धोती और भगवा रंग का कुर्ता पहन रखा था।