डेस्क:
ब्रिटेन (Britain) में लंबे समय से जारी उथल-पुथल भरे सियासी घटनाक्रम के बीच देश के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ( Boris Johnson) ने इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से उनपर इस्तीफा देने का दबाव था। सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) के मंत्रियों ने भी उनका साथ छोड़ना शुरू कर दिया था। अपने ही कैबिनेट के मंत्रियों और सांसदों की ओर से पड़ते दबाव की वजह से आखिरकार उनको पद छोड़ना पड़ा। दरअसल, ब्रिटेन में सामने आए एक सेक्स स्कैंडल की वजह से बोरिस जॉनसन मुश्किलों में घिरे।
2 दिन के भीतर 40 लोगों ने इस्तीफा दिया
बोरिस जॉनसन के खिलाफ विरोध इतना ज्यादा बढ़ गया था कि महज 2 दिन में 40 से ज्यादा लोगों ने इस्तीफा दे दिया था। पीएम बोरिस जॉनसन के खिलाफ 41 मंत्रियों ने बगावत कर दी थी। दरअसल, ये पूरा विवाद सांसद क्रिस पिंचर (Chris Pincher) की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है। इसी साल फरवरी माह में बोरिस जॉनसन ने क्रिंस पिंचर को कंजर्वेटिव पार्टी का डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया था। 30 जून 2022 को ब्रिटिश अखबार द सन की रिपोर्ट में दावा किया गया कि क्रिस पिंचर ने लंदन में एक क्लब में 2 युवकों को आपत्तिजनक तरीके से छुआ था। इससे पहले भी पिंचर पर यौन दुर्व्वहार के आरोप लगते रहे हैं।
जॉनसन पर गलत तरीके से नियुक्ति का आरोप
द सन की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद क्रिस पिंचर ने डिप्टी चीफ व्हिप के पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन उनकी ही पार्टी के सांसदों का आरोप है कि ज़ॉनसन को उनके ऊपर लगे आरोपों की जानकारी थी इसके बावजूद उनको नियुक्त किया गया। वहीं 1 जुलाई को सरकार के प्रवक्ता ने कहा था कि प्रधानमंत्री को इन आरोपों के विषय में कोई जानकारी नहीं थी। वहीं 4 जुलाई को प्रवक्ता ने कहा कि पीएम को पिंचर पर लगे आरोपों की जानकारी थी लेकिन चूंकि आरोप साबित नहीं हुए थे इसलिए नियुक्ति की गई।
सबसे पहले वित्तमंत्री ऋषि सुनक का इस्तीफा
बदलते घटनाक्रम के बीच 5 जुलाई को सबसे पहले भारतीय मूल के ब्रिटिश वित्त मंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने इस्तीफा दिया। उन्होंने इस्तीफा देते हुए कहा कि लोगों को उम्मीद होती है कि सरकार ठीक से काम करे। वहीं स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद (Sajid Javid) ने इस्तीफे में लिखा कि सरकार राष्ट्रहित में काम नहीं कर रही। इनके अलावा 2 औऱ कैबिनेट मंत्रियों ने इस्तीफा दिया।