द फॉलोअप डेस्क
राज्य की राजधानी रांची स्थित सिरम टोली सरना स्थल में फ्लाईओवर रैंप निर्माण को लेकर राजनीति तेज हो गई है। जहां एक ओर विभिन्न आदिवासी सामाजिक संगठन इसका लगातार विरोध कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस के स्थानीय विधायक सह पूर्व वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव द्वारा रैंप निर्माण पर सरकार से सवाल पूछते हुए इसे आदिवासी समाज के लिए प्रतिकूल बताया गया है। उन्होंने कहा कि इससे आदिवासी समाज की भावनाएं आहत हो रही हैं।
इसे लेकर लोहरदगा लोकसभा सांसद सुखदेव भगत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इतने सालों में कभी आदिवासियों के हित की बात नहीं की, आज नाखून कटाकर शहीद होना चाह रहे हैं डॉ. रामेश्वर उरांव। सांसद ने कहा कि जब वे वित्त मंत्री थे और सरकार में थे, तो उन्होंने इसे रोकने के लिए क्या किया? आखिर कोई भी योजना बिना वित्त विभाग की अनुमति के पारित नहीं हो सकती, फिर यह योजना कैसे पारित हुई?
यही नहीं, डॉ. रामेश्वर उरांव आज भी सरकार में विधायक हैं, तो फिर इसे लेकर सरकार से बात या पहल क्यों नहीं की? सुखदेव भगत ने कहा कि आज यह भावना नहीं, बल्कि राजनीतिक हित साधने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं और खुद को आदिवासियों का हितैषी बताना चाह रहे हैं।
सांसद ने विधायक पर सवाल उठाते हुए कहा कि आदिवासी समाज के इतने बड़े मुद्दे सरना कोड, जिसे पास कराकर विधानसभा से भेजा गया, को लेकर कभी रामेश्वर उरांव न तो गृहमंत्री से मिले और न ही रजिस्ट्रार से, जो बताता है कि डॉ. रामेश्वर उरांव आदिवासी समाज के कितने हितैषी हैं।
सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि झारखंड में हेमंत सरकार आदिवासी समाज के सामूहिक विकास के लिए पूरी तरह संवेदनशील है। हेमंत सरकार ने इसे लेकर राज्य के सभी सरना, मसना स्थलों की घेराबंदी योजना आरंभ की है। सरकार आदिवासी हित के लिए पूरी तरह तत्पर है।