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रांची : यदि अभी चुनाव हुए तो सीएम पद के लिए 47 फीसदी झारखंडियों की पहली पसंद होंगे हेमंत सोरेन

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रांची: 

झारखंड में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच ओपनियन मेटर्स अ रेटिंगोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से एक सर्वे किया गया। इसमें ताजा सियासी हालात पर आम जनता की राय ली गई। इसमें जनता से कुछ सवाल पूछे गए और उस जवाब के आधार पर रिपोर्ट तैयार हुई। जनता से पूछा गया कि क्या सीए हेमंत सोरेन को इस्तीफा देना चाहिए? क्या आप इस बात से सहमत हैं कि सीएम के खिलाफ साजिश हुई है? क्या आपकी नजर में सीएम ने पद का दुरुपयोग किया है? या क्या आप उनके कामकाज से संतुष्ट हैं? 

लोगों से जब पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को त्यागपत्र देना चाहिए तो 32 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया वहीं 59 फीसदी लोगों ने कहा कि हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए। वहीं 9 फीसदी लोग वैसे थे जिन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता। 

क्या सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ साजिश रची गई या क्या सीएम विपक्ष की साजिश का शिकार हुए हैं। इसका जवाब 31 फीसदी लोगों ने हां में दिया वहीं 57 फीसदी लोगों ने कहा कि सीएम के खिलाफ कोई साजिश नहीं हुई है। 12 फीसदी लोगों ने नहीं पता का विकल्प चुना।


क्या सीएम हेमंत सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। इस सवाल का जवाब 53 फीसदी लोगों ने हां में दिया। 45 फीसदी लोगों ने कहा कि सीएम ने पद का दुरुपयोग नहीं किया है। 2 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें उस बारे में कुछ नहीं पता। 

क्या आप सीएम हेमंत सोरेन के कामकाज अथवा कार्यशैली से संतुष्ट हैं। 53 फीसदी लोगों ने कहा कि हां वे सीएम के कामकाज से संतुष्ट हैं। 29 फीसदी लोगों ने उपरोक्त सवाल का जवाब ना में दिया वहीं 4 फीसदी लोगों ने कहा कि वे नहीं जानते। 

क्या झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए। 87 फीसदी लोगों ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं है। केवल 4 फीसदी लोग प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के पक्ष में हैं। 9 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई आइडिया नहीं है। 

लोगों से पूछा गया कि यदि आज ही चुनाव हो जाए तो वे किसे वोट देंगे। 36 फीसदी लोगों ने कहा कि वे झारखंड मुक्ति मोर्चा को चुनेंगे। 32 फीसदी लोगों ने कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी को वोट देंगे। 17 फीसदी लोग कांग्रेस के साथ हैं। 1 फीसदी लोगों ने आजसू, लेफ्ट पार्टियों या राष्ट्रीय जनता दल को वोट देने की बात कही। 4 फीसदी लगों ने अदर्स का विकल्प चुना। 8 फीसदी लोग नोटा में बटन दबाना चाहते हैं। 

यदि आज चुनाव हुआ तो मुख्यमंत्री के रूप में उनकी पहली पसंद कौने होंगे। 41 फीसदी लोगों ने कहा कि वे हेमंत सोरेन को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं। 28 फीसदी लोग बाबूलाल मरांडी को चुनेंगे। महज 4 फीसदी लोग पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को दोबारा सीएम बनाना चाहते हैं वहीं 16 फीसदी लोगों की पसंद शिबू सोरेन है। 1 फीसदी सुदेश महतो या सीता सोरेन को सीएम बनाना चाहते हैं। 6 फीसदी लोगों ने अन्य का विकल्प चुना।

क्या कांग्रेस गठबंधन तोड़ सकती है। 42 फीसदी लोगों ने इसका जवाब हां में दिया। 41 फीसद लोग मानते हैं कि कांग्रेस गठबंधन में बनी रहेगी। 17 फीसदी लोगों ने पता नहीं का विकल्प चुना।

क्या महागठबंधन में टूट के आसार हैं। 83 फीसदी लोगों ने कहा हां। 9 फीसदी लोगों ने कहा नहीं। 8 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें नहीं पता। 

क्या झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक एकजुट हैं। 68 फीसदी लोग कहते हैं हां, वहीं 21 फीसदी लोगों को लगता है कि विधायक टूट सकते हैं। 11 फीसदी लोगों की इस पर कोई राय नहीं है। 92 फीसदी लोगों ने कहा कि वे ताजा सियासी हलचल में राजभवन की भूमिका से अंसतुष्ट हैं। वहीं 8 फीसदी लोग इससे संतुष्ट हैं।

चुनाव आयोग से संबंधित इसी सवाल के जवाब में 42 फीसदी लोगों ने कहा कि वे चुनाव आयोग की भूमिका से संतुष्ट नहीं है। 39 फीसदी लोगोंने कहा कि वे संतुष्ट हैं। 19 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता। 

सत्तापक्ष, विपक्ष पर लगातार संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाता है। पूछा गया कि क्या बीजेपी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। 51 फीसदी लोगों ने इसका जवाब हां में दिया वहीं 47 फीसदी लोग कहते हैं कि उन्हें नहीं लगता कि बीजेपी ऐसा करती है। 2 फीसदी लोगों को कुछ नहीं पता।

इसी से जुड़ा एक सवाल पूछा गया कि क्या झामुमो संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम कर रही है। 68 फीसदी लोगों ने कहा हां वहीं 25 फीसदी लोगों ने कहा कि नहीं। 

क्या संवैधानिक संस्थाओं से पहले बीजेपी नेताओं द्वारा जानकारी देना उचित है। इस सवाल के जवाब में 94 फीसदी लोगों का मानना है कि संवैधानिक संस्थाओं से पहले बीजेपी नेताओं द्वारा ट्वीट पर जानकारी देना सही नहीं है। 5 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया। 1 फीसदी लोगों ने कहा नहीं पता। 

क्या कांग्रेस के विधायक बीजेपी से जुड़ सकते हैं। 67 फीसदी लोगों ने कहा कि हां, कुछ कांग्रेस विधायक बीजेपी से जुड़ सकते हैं। 31 फीसदी ने कहा कि नहीं। 1 फीसदी लोगों ने कहा, पता नहीं।