द फॉलोअप डेस्क
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ गुरुवार को बिहार में महागठबंधन पार्टियों में शामिल पार्टियों ने प्रखंड कार्यालयों पर धरना दिया। धरना प्रदर्शन में राष्ट्रीय जनता दल, जेडीयू और कांग्रेस सहित तीनों लेफ्ट पार्टियां शामिल हुईं। वहीं, हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन के मंत्री पद से इस्तीफा के बाद उनकी पार्टी ने इस कार्यक्रम से खुद को अलग कर लिया। महागठबंधन में शामिल पार्टियों के अनुसार राज्यभर के 534 प्रखंडों में धरना दिया जा रहा है।
वादा करके मुकर गई केंद्र सरकार
महागठबंधन में शामिल दलों का कहना है कि लोकतंत्र में लोकतांत्रिक व्यवस्था को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। वादा करने के बावजूद नौजवानों को रोजगार नहीं दिया जा रहा। इससे आम लोगों में काफी आक्रोश है। उन्होंने यह भी कहा हर किसी के खाते में 15 लाख रुपए देने का वादा करके केंद्र सरकार मुकर गई। पिछड़ा,अति पिछड़ा विकास की राशि केंद्र सरकार ने रोक रखी है। जाति जनगणना की मांग को अनदेखा किया। जिस कारण पिछड़े, अति पिछड़े समाज को उसकी हक नहीं मिल पा रहा है। उनको योजना आकार में शामिल करने में कठिनाई हो रही है।
महिलाएं गोइठा-कोयला-लकड़ी युग में लौटने को विवश
केंद्र सरकार के बारे में महागठबंधन में शामिल दलों का कहना है कि ये आम लोगों की सरकार नहीं है बल्कि पूंजीपतियों की सरकार है। अमीरी और गरीबी के बीच खाई बढ़ती जा रही है। बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार बैठे हैं और सरकार रोजगार नहीं दे रही है। एक तरफ महिलाओं की जिंदगी आसान करने के नाम पर रसोई गैस बांटी जाती है। दूसरी दूसरी ओर गैस सिलेंडर की कीमत 1200 रुपए कर दी गई। अब वहीं महिलाएं गोइठा व लकड़ी के युग में लौटने पर विवश हैं। सभी दलों का कहना है कि 2024 में जुमले वाली सरकार को उखाड़ फेंकना है।
हमारे वाट्सअप ग्रुप से लिए इस लिंक पर क्लिक करें : https://chat.whatsapp.com/FUOBMq3TVcGIFiAqwM4C9N