द फॉलोअप डेस्कः
बिहार के समस्तीपुर जिले से एक बेहद चौंकाने वाला और हृदयविदारक मामला सामने आया है। नगर निगम के सफाईकर्मियों को कचरे के ढेर में एक नवजात बच्ची का शव मिला, जिसे पन्नी में लपेटा गया था। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है और मेडिकल वेस्ट प्रबंधन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि विजय कुशवाहा ने बताया कि क्षेत्र में बड़ी संख्या में अवैध अस्पताल और क्लीनिक बिना किसी निगरानी के संचालित हो रहे हैं। इन संस्थानों से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट खुले में फेंका जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को खतरा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है जब इस इलाके में नवजात शिशु या भ्रूण कचरे में पाए गए हों।
जानकारी के अनुसार, जिले में 30 अधिकृत अल्ट्रासाउंड केंद्र और 105 पंजीकृत नर्सिंग होम हैं, जबकि 2,000 से अधिक अवैध नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं। इनमें से केवल 65 संस्थानों ने मेडिकल कचरे के सुरक्षित निपटान की व्यवस्था की है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. नागमणि राज ने चेताया कि खून से सने इंजेक्शन, दस्ताने और पट्टियां खुले में फेंकना बेहद खतरनाक है। उन्होंने बताया कि यदि मेडिकल वेस्ट को 1150 डिग्री सेल्सियस पर नहीं जलाया गया, तो इससे कैंसर, एचआईवी, हेपेटाइटिस बी जैसी घातक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए समस्तीपुर के सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने जांच के आदेश दिए हैं। वहीं नगर थाना प्रभारी शिवकुमार यादव ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची है और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आगे इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई हो और मेडिकल वेस्ट के निपटान के लिए कठोर व्यवस्था लागू की जाए।