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बिहार बजट सत्र : शतरंज में वज़ीर और जिंदगी में ज़मीर मर जाए तो खेल खत्म- नीतिश पर तेजस्वी ने कसा तंज़

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पटना:

'ऐसी शर्तों पर क्या सुल्तान बनना, जहां सहयोगी ही प्रतिदिन लानत करते हों...' ,  तो शतरंज में वजीर और जिंदगी में जमीर मर जाए तो खेल खत्म समझो...।' उक्त पंक्तियां बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की हैं, जिसका इस्तेमाल उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर तंज़ करते हुए कही हैं। वह बिहार विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा, मुझे बिहार सरकार मूक और बधिर लगती है। जो न देख सकती है न कुछ बोल सकती है और न कर सकती है। बीजेपी-जेडीयू की गजब की जुगलबंदी है। ये एक अवसरवादी सरकार है।ये स्वार्थ के लिए सरकार है।

सरकार नहीं सर्कस

तेजस्वी यादव ने  कहा कि मुख्यमंत्री ने इसी चेयर पर बैठकर कहा था कि हस्तक्षेप बढ़ने के चलते उन्होंने गठबंधन का पाला बदल लिया था। हमने जितना कॉट्रांस्टिंग न्यूज कटिंग आप लोगों के समक्ष रखा है उससे समझ में आ रहा होगा कि किसका कितना हस्तक्षेप है। तेजस्वी ने कई मुद्दों को लेकर सरकार पर हमला बोला। कहा कि एक ही मुद्दे पर सरकार में शामिल दलों के नेताओं की अलग-अलग राय है। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार नहीं सर्कस चला रहे हैं।

डबल नहीं ट्रबल इंजन की सरकार

तेजस्वी यादव ने कहा कि, जदयू के अध्यक्ष ही कह चुके हैं कि भाजपा से गठबंधन परिस्थितिवश है। जदयू विधायक गोपाल मंडल अपनी पार्टी के सांसद पर शराब बेचने का आरोप लगाते हैं। भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल पुलिस अधिकारी शराब बेचवाने का आरोप लगाते हैं। गठबंधन सरकार के दूसरे सहयोगी जीतनराम मांझी कहते हैं कि ठेकेदार, नेता, अधिकारी, जज रात में शराब पीते हैं। छेदी पासवान का बड़ा आरोप है कि सत्ता के लिए दाऊद से भी हाथ मिला सकते हैं नीतीश। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार नहीं ट्रबल इंजन की सरकार है।