पटना:
बिहार सरकार (Bihar Government) ने लोगों की इमरजेंसी में मदद के लिए डायल 112 (Dail 112) लागू किया है। लेकिन अब लोग इसपर कॉल कर मदद नहीं बल्कि पुलिस (Bihar Police) वालों से गंदी बातें कर रहे हैं। पुलिस को गालियां दे रहे हैं। जिससे परेशान होकर पुलिस ने ऐसे लोगों पर एक्शन लेने की बात कही है। पुलिस ने कहा है कि पहले ऐसे कॉल को ट्रेस किया जाएगा उसके बाद उनपर प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कारवाई की जाएगी। वहीं पुलिस ने दावा किया है कि 20 दिनों के अंदर डायल-112 ने 2905 लोगों की परेशानी को सुलझाया है।
90% फेक कॉल जिसमें सबसे अधिक घरेलु हिंसा के मामले
ERV (इमर्जेंसी रेस्पांस व्हेकिल) की टीम ने कहना है कि 90% फेक कॉल आ रहे हैं। जिसमें सबसे अधिक घरेलु हिंसा से परेशान महिलाएं मदद की गुहार लगा रहीं है। इसके अलावा लोग कॉल कर मोबाइल रिचार्ज करने और कस्टमर केयर का नंबर मांगते हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 5 जुलाई की रात 10 बजे एक महिला ने डायल 112 पर शिकायत की। 10.20 बजे महिला के घर ERV की टीम पहुंची। मामले की गंभीरता को देखते हुए उसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया। रुपसपुर थाने में मामला भी दर्ज कर लिया गया है।
फेक कॉल करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई
वहीं अब फेक कॉल करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। पुलिस फेक कॉल करने वालों को सबसे पहले ट्रेस करेगी। ट्रेस कर उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने और फेक कॉल करने के मामले में FIR दर्ज किया जाएगा। हालांकि फिलहाल इन्हें वार्निंग देने के साथ डायल 112 के महत्व की जानकारी दी जा रही है।
इमरजेंसी में मदद के लिए ERV की शुरूआत
बता दें कि राज्य में किसी भी प्रकार की इमरजेंसी में मदद के लिए ERV की शुरूआत की गई थी। इसमें क्राइम, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड की सर्विस के लिए मदद मांग सकते हैं। जिसमें महिला, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा में मदद की जाएगी। कोई भी व्यक्ति 112 पर मोबाइल/फोन से फ्री कॉल कर सकते हैं