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आरोप : राजद नेता शिवानंद तिवारी ने बेरोजगार युवाओं के आक्रोश के लिए माेदी को घेरा

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पटना:

बिहार के भोजपुर में जन्मे लेखक शिवानंद तिवारी देश की लोहियावादी बिरादरी के अहम स्तंभ हैं। सेकुलरिज्म और समाजवादी विचारों के लिए उनकी पहचान है। राज्यसभा सांसद रहे शिवानंद अभी राजद के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने बेरोजगार युवाओं के आक्रोश के लिए माेदी को घेरा है। कहा कि आज पटना के राजेंद्र नगर स्टेशन सहित अन्य स्टेशनों पर अचानक हज़ारों की तादाद में नौजवानों ने रेल लाइन पर उतर कर रेल के संचालन को बाधित कर दिया।नौजवान ऐसा कुछ करने वाले हैं इसकी भनक तक किसी को नहीं थी। यह बताता है कि बेरोज़गारी का सवाल कैसा विस्फोटक रूप लेता जा रहा है।

 

 

शिवानंद ने कहा कि बेरोज़गार नौजवानों का धीरज अब चूकने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में बैठाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका थी। सरकार बनी तो प्रति वर्ष दो करोड़ नौजवानों को काम देंगे के मोदी के आश्वासन पर नौजवानों ने भरोसा किया था। देश भर में मोदी जी के पक्ष में हवा बनाई थी। इस बीच मोदी दूसरी बार भी सत्ता में आ गये। लेकिन बेरोज़गारी का सवाल सरकार की नज़रों से ओझल है।

शिवानंद ने कहा कि देश के सामने यह सबसे गंभीर चुनौती है। आधुनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था में रोज़गार सृजन  की क्षमता नहीं है। विडंबना है कि देश की मुख्य धारा की राजनीति में बेरोज़गारी की चुनौती अब तक विमर्श का मुद्दा भी नहीं बन पाया है। संभवतः बिहार विधानसभा का पिछला चुनाव देश का एक मात्र ऐसा चुनाव था जो तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन द्वारा बेरोज़गारी को मुद्दा बनाकर कर लड़ा गया था।
देखा जाय तो किसानों और बेरोज़गारों का सवाल देश की राजनीति में आमूलचूल परिवर्तन का स्पष्ट संदेश दे रहा है।