द फॉलोअप डेस्क
अब दुनिया भर में मेड इन बिहार की चर्चा होने लगी है। छपरा का मढ़ौरा स्थित रेल कारखाना, जहां पर बने रेल इंजन बहुत जल्द विदेशों में निर्यात किए जाएंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में इस बात का खुलासा किया कि बिहार के मढ़ौरा कारखाने में तैयार होने वाले लोकोमोटिव का निर्यात जल्द ही शुरू होने वाला है। यह न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है कि अब मेड इन बिहार उत्पाद दुनिया भर में अपनी पहचान बनाने जा रहे हैं।
विदेशों में होगा निर्यात
बता दें कि रेल मंत्री ने कहा कि मढ़ौरा में तैयार होने वाले करीब 100 लोकोमोटिवों का निर्यात जल्द ही शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह वही फैक्टरी है जिसकी शुरुआत लालू प्रसाद यादव ने की थी, लेकिन उसमें कोई काम नहीं हुआ था। इसके बाद 2014 में केंद्र सरकार ने इस पर काम शुरू किया और अब इसका परिणाम सामने आ रहा है।इसके अलावा वैष्णव ने यह भी बताया कि भारतीय रेलवे में माल और यात्री यातायात दोनों में वृद्धि हो रही है। भारत से रेल डिब्बों का निर्यात भी विभिन्न देशों में किया जा रहा है। इस दिशा में सरकार निरंतर प्रयासरत है।
रेल किराए को लेकर साझा की अहम जानकारी
वहीं, रेल मंत्री ने भारतीय रेलवे के किराए को लेकर भी कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा की। उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों की तुलना में भारत में रेल यात्रा का किराया बहुत ही सस्ता है। भारत में प्रति किलोमीटर वास्तविक लागत 1.38 रुपये है, जबकि यात्रियों से केवल 72 पैसे ही लिए जाते हैं। उन्होंने पाकिस्तान और श्रीलंका के मुकाबले भारतीय रेलवे के किराए को काफी कम बताया। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 350 किलोमीटर की यात्रा में भारत में सामान्य श्रेणी का किराया 121 रुपये है। जबकि पाकिस्तान में यह 400 रुपये और श्रीलंका में 413 रुपये है। इस तरह बिहार अपने औद्योगिक विकास के लिए भी विश्व में पहचान बना रही है।