जमुई:
कुछ दिन पहले ही इस बात का खुलासा हुआ था। बिहार में देश का सबसे बड़ा सोना का भंडार है। यहां के जमुई जिला के सोनो प्रखंड के करमटिया इलाके में है। इसी इलाके से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। गांव के पेयजल में फ्लोराइड की अधिक मात्रा है। जिस कारण लोगों में जोड़ों में दर्द, हड्डियों का टेढ़ापन, बौनापन, मांसपेशियों में अकड़न, जी मिचलाना जैसी परेशानियों से लोगों को जूझना पड़ता है। इतना ही नहीं लोग जवानी में बूढ़े हो रहे है।
25 से 30 साल की उम्र में हड्डियां वृद्ध
बता दें कि गांव के 70 प्रतिशत लोगों के दांत में पीलापन होने की शिकायत है। पीलापन ही नहीं कालापन की भी परत है। इतना ही नहीं यहां के लोगों में जवानी में ही बुढ़ापे का असर भी दिखता है। गांव में रहने वाले बबलू साह ,मिथिलेश साह, पवन साह व डब्लू साह की 25 से 30 साल की उम्र में हड्डियां वृद्ध की तरह दिखती है। 50 साल की माला देवी निशक्त हो चुकी है। 48 साल की उम्र में गीता देवी को नित्य क्रिया के लिए दूसरे पर आश्रित रहना पड़ता है। 32 साल की बबीता आठ साल की दिखती है।
90% लोग फ्लोराइड बीमारी से प्रभावित है
इस मामले को लेकर जब वहां के मुखिया से बात की गई तो वो कहते है कि यह पानी की समस्या का मामला 2004-2005 पता चला था। टीमें आई जांच की गई पता चला कि फ्लोराइड की मात्रा पानी मे ज्यादा है। सरकार ने चार साल बाद पहल की तो जाकर फ्लोराइड युक्त पानी के लिए एक यूनिट पानी की व्यवस्था की गई। लेकिन आसामान्य आबादी होने के कारण एक यूनिट से काम नहीं हो पाया। मुखिया बताते हैं कि गांव की आबादी 500 के करीब है जिसमें 90% लोग फ्लोराइड बीमारी से प्रभावित है।
जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया
जमुई जिला पदाधिकारी अवनीश कुमार सिंह इस समस्या पर संज्ञान लेते हुए फ्लोराइड से प्रभावित गांव में जल शोधन संयंत्र लगाने का काम पीएचडी विभाग को दिया गया था। जिलाधिकारी के अनुशंसा के बाद पीएचईडी विभाग से मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाद जिला पदाधिकारी के द्वारा फ्लोरोसिस से प्रभावित गांव करकुट्टा, गुबरो, सलैया और हरिहरपुर में जल शोधन संयंत्र लगाने का निर्देश दिया गया है।