द फॉलोअप डेस्क,बिहार
बिहार में आजादी के बाद 17 बार लोकसभा चुनाव हुए। अबतक केवल 25 महिलाएं ही सांसद बनी हैं। वहीं केवल 10 महिलाएं ऐसी है जो एक से ज्यादा बार संसद पहुंची हैं। वहीं तारकेश्वरी सिन्हा और रमा देवी दो ऐसी महिलाएं हैं जिन्हें 4 बार सांसद जाने का मौका मिला है। वहीं 1 महिला 3 बार लोकसभा चुनाव जीतीं हैं। गौरतलब है कि बिहार की वर्तमान 40 सीटों का संसदीय इतिहास बताता है कि महिलाओं की इतनी कम भागीदारी का मुख्य कारण इन्हें टिकट देने में पार्टियों की कंजूसी रही है।
ये है इतिहास
गौरतलब है कि साल 2019 में बिहार से तीन महिला सांसद चुनी गईं। उनमें से दो शिवहर से रमा देवी और सीवान से कविता सिंह का टिकट इस बार कट गया है। सर्वाधिक चार बार बाढ़ से कांग्रेस की तारकेश्वरी सिन्हा सांसद बनीं। वह 1952, 1957, 1962 और 1967 में जीतीं। 1971 में यहां से कांग्रेस ने दूसरा उम्मीदवार उतारा। मोतिहारी से रमा देवी 1998 में राजद से तथा 2009, 2014 और 2019 में भाजपा के टिकट पर शिवहर से चुनाव जीतीं। 2024 के चुनाव में इनका भी टिकट कट गया। बेगूसराय से कांग्रेस की कृष्णा शाही 1980,1984 और 1991 में सांसद बनीं। 1996 में वह चुनाव हार गयीं। सासाराम से कांग्रेस की मीरा कुमार 2004 और 2009 में जीतीं। पर 2014 में हार गयीं। मीरा दिल्ली के करोलबाग से दो बार और यूपी के बिजनौर से एक बार सांसद रही हैं। जहानाबाद से सत्यभामा देवी 1957 और 1962 में कांग्रेस से जीतीं। 1967 में वह कांग्रेस की उम्मीदवार बनी, पर हार गयीं। बांका से शकुंतला देवी 1957 और 1962 में कांग्रेस से जीतीं। 1967 में वह हार गयीं। यहां से 1984 और 1986 में मनोरमा देवी कांग्रेस से जीतीं। 1989 में वह हार गयीं। वैशाली से किशोरी सिन्हा 1980 (जनता पार्टी) और 1984 कांग्रेस) में जीतीं। 1989 में हार गयीं। पूर्णिया से कांग्रेस की माधुरी सिंह 1980 और 1984 में जीतीं। 1989 में वह हार गयीं।
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