द फॉलोअप डेस्क
महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में एक भी सीट न जीत पाने और निराशाजनक प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल का दर्जा और अपना चुनाव चिन्ह ‘रेल इंजन’ गंवा देने का खतरा मंडरा रहा है। पार्टी से ये चुनाव चिह्न वापस भी लिया जा सकता है। हालांकि इस बारे में चुनाव आयोग का निर्णय आना अभी बाकी है। बता दें कि राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे ने 125 सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन एक भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर सका। इनमें ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे भी शामिल हैं।
राजठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) राज्य विधानसभा चुनाव में प्रभाव छोड़ने में विफल रही, क्योंकि रुझानों में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ को भारी जीत पहले से तय मानी जा रही था। वहीं, समाजवादी पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) जैसी पार्टियां थोड़ी बेहतर स्थिति में रहीं। मनसे ने जहां 125 उम्मीदवार उतारे थे, वहीं वीबीए के 200 उम्मीदवार मैदान में थे।
बता दें कि भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन ने शनिवार को महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतकर अपनी सत्ता बरकरार रखी। महायुति की इस प्रचंड जीत में BJP ने जहां 132 सीटों पर जीत दर्ज कीं। वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पहला विधानसभा चुनाव लड़ रही शिवसेना ने 55 सीटें जीतीं। इसके साथ ही चाचा शरद पवार की छाया से बाहर अजित पवार की NCP ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की।
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना को सर्वाधिक 20, कांग्रेस पार्टी को 16 और शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने 10 सीटों पर जीत हासिल की है। समाजवादी पार्टी को 2 सीटों पर जीत मिली है। 10 सीटों में कुछ छोटे दल और निर्दलीय शामिल हैं। असुदद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली AIMIM को विधानसभा चुनावों में सिर्फ 1 सीट जीत मिली। पार्टी के उम्मीदवार ने 162 वोट से जीतकर मालेगांव सेंट्रल सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा।