द फॉलोअप डेस्क
BPSC 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में कथित गड़बड़ी को लेकर छात्रों ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर गुरुवार को सुनवाई पूरी हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में सरकारी और जन सुराज के वकीलों के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली। बताया जा रहा है कि सरकारी वकील ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद एक और केस दर्ज हुआ है। ऐसे में उनका आग्रह है कि दोनों मामलों की सुनवाई कोर्ट एक साथ करें। सुनवाई करीब एक घंटे 20 मिनट तक चली, जिसमें दोनों पक्षों को सुना गया। अब अदालत के आदेश का सभी को बेसब्री से इंतजार है, जो दोपहर के बाद आने की संभावना जताई जा रही है।
बुधवार को टल गई थी सुनवाई
इस मामले में छात्रों ने 13 दिसंबर को हुई BPSC 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत की थी और अदालत से परीक्षा को रद्द कर नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग की थी। छात्रों का कहना है कि परीक्षा में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं, जिससे उन्हें नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि इस मामले में बुधवार को सुनवाई टल गई थी। मुख्य न्यायाधीश के विदाई समारोह के कारण इस दिन की सुनवाई स्थगित कर दी गई थी। सुनवाई न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल के एकलपीठ के समक्ष होनी थी, लेकिन समय की कमी के कारण यह संभव नहीं हो सका।छात्रों ने दायर किया पूरक हलफनामा
इस बीच, छात्रों ने एक पूरक हलफनामा दायर किया है, जिसमें उन्होंने 4 जनवरी और 13 दिसंबर की परीक्षा के मॉडल उत्तर पर आपत्ति जताई है। छात्रों का आरोप है कि 4 जनवरी की परीक्षा में तीन प्रश्नों को हटा दिया गया, जबकि 13 दिसंबर की परीक्षा में ऐसे ही दो प्रश्न फिर से पूछे गए। इससे 4 जनवरी के परीक्षार्थियों को फायदा हुआ और 13 दिसंबर के छात्रों को नुकसान हुआ। छात्रों के अनुसार, 13 दिसंबर के 4 लाख परीक्षार्थियों को 6 अंकों का नुकसान हुआ है, जबकि 4 जनवरी के छात्रों को 6 अंकों का लाभ हुआ है।
राज्य में सियासत है गर्म
जानाकरी हो कि इस मुद्दे पर बिहार में सियासत गर्म है। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव छात्रों के समर्थन में चक्का जाम और बिहार बंद का आह्वान कर चुके हैं। इसके साथ ही बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी छात्रों की मांगों का समर्थन किया है। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भी इस मुद्दे पर पिछले कई दिनों से आमरण अनशन पर हैं। ऐसे में अब सभी की निगाहें इस मामले पर पटना हाई कोर्ट के आदेश पर टिकी हुई हैं।