द फॉलोअप डेस्क
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पटना AIIMS के कार्यकारी निदेशक डॉ गोपाल कृष्ण पाल पर बड़ा एक्शन लिया है। उन्हें बेटे का गलत सर्टिफिकेट बनवाने के आरोप में AIIMS के कार्यकारी निदेशक पद से हटा दिया गया है। गोपाल कृष्ण पर आरोप लगा है कि AIIMS गोरखपुर के अतिरिक्त प्रभार में रहते हुए, उन्होंने अपने बेटे का नामांकन PG में करा दिया था। इसमें उनके बेटे का सर्टिफिकेट नॉन क्रीमी लेयर के तहत बनवाया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय के इस एक्शन के बाद AIIMS देवघर के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर सौरभ वार्ष्णेय को 3 माह के लिए नए डायरेक्टर की नियुक्ति तक AIIMS पटना का डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। बता दें कि इस मामले में कार्रवाई 2 सदस्यी जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद की गई है।कमेटी की रिपोर्ट में पाए गए दोषी
मीडिया रिपोर्ट की माने तो, स्वास्थ्य मंत्रालय की जांच कमेटी द्वारा डॉ गोपाल कृष्ण पाल को अपने पद और अधिकारों के गलत इस्तेमाल करने का दोषी पाया गया था। इसके बाद कमेटी ने कुछ वक्त पहले ही डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल को उनके आधिकारिक जिम्मेदारियों से मुक्त करने की सिफारिश की थी। कमेटी की इसी सिफारिश पर अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक्शन लिया है।
क्या है मामला
बता दें कि इस मामले में डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल के बेटे डॉ ऑरो प्रकाश पाल का एडमिशन गोरखपुर AIIMS में माइक्रोबायोलॉजी में हुआ था। वहीं, यह एडमिशन OBC श्रेणी में हुआ था, जिसका सर्टिफिकेट पटना से जारी हुआ था। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर ऑरो का दाखिला हुआ था। लेकिन कुछ समय बाद उसके सर्टिफिकेट पर सवाल उठे।
इस पर कहा गया कि जब डॉक्टर पाल नॉन क्रीमी लेयर में नहीं आते, तो उनका बेटा कैसे इस श्रेणी में आ सकता है। इसके बाद डॉक्टर पाल पर आरोप लगे कि उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल कर बेटे का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया। जानकारी हो, इस पूरे मामले में डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल भी जांच कमेटी के सामने अपना पक्ष रख चुके हैं। इस दौरान उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया था।