द फॉलोअप नेशनल डेस्क:
बिहार के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और जननायक कर्पूरी ठाकुर को देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत मिले भारत रत्न सम्मान को उनके पुत्र सह जदयू सांसद रामनाथ ठाकुर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से ग्रहण किया। इस शुभ घड़ी के साक्षी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों उपमुख्यमंत्री बने। गौरतलब है कि दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आज समारोह आयोजित किया गया जिसमें देश की 5 विभूतियों को यह सम्मान मिला।
23 जनवरी 2024 को हुई थी घोषणा
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने से पूरे बिहार में खुशी की लहर है। उनकी 100वीं जयंती के एक दिन पहले ही यानि 23 जनवरी 2024 को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा राष्ट्रपति कार्यालय से की गई थी। बता दें कि कर्पूरी ठाकुर 2 बार बिहार के मुख्यमंत्री, 1 बार उप मुख्यमंत्री और बिहार के शिक्षा मंत्री रहे हैं। इसके साथ ही वे कुछ समय के लिए समस्तीपुर से सांसद भी रहे। कर्पूरी ठाकुर को बिहार के सामाजिक न्याय का मसीहा माना जाता है। उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जो न केवल बिहार में बल्कि देश में मिसाल बने। देश में सबसे पहले उन्होंने पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया। इतना ही नहीं, देश में सबसे पहले महिलाओं और आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने का श्रेय भी कर्पूरी ठाकुर को जाता है। हालांकि, बाद में उनके फैसले को समाप्त कर दिया गया। कर्पूरी ठाकुर भारत रत्न पाने वाले बिहार में जन्मे चौथे शख्स हैं। इनसे पहले डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जय प्रकाश नारायण और बिस्मिल्ला खान को भारत रत्न मिल चुका है।
कुल 5 विभूतियों को मिला भारत रत्न सम्मान
कर्पूरी ठाकुर के अलावा पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, लाल कृष्ण आडवाणी को उनके घर जाकर राष्ट्रपति ये सम्मान सौंपेंगी। बता दें कि कुल 4 विभूतियों को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया है।
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