गया:
गया के फल्गु नदी पर देश का सबसे बड़ा (The country's largest dam on the Falgu River) और बिहार का पहला रबर डैम (Bihar's first rubber dam) बनकर तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish kumar) आज गया पहुंच कर इसका उद्घाटन करेंगे। इस दौरान उनके साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) भी मौजूद रहेंगे। 411 मीटर लंबे इस डैम का निर्माण विष्णुपद मंदिर (Vishnupad Temple) के पास किया गया है। इसे गया जी रबर डैम का नाम दिया गया है।
क्या है धार्मिक मान्यता
दरअसल, मान्यता है कि फल्गु नदी श्रापित है। यह नदी सीता जी की श्राप की वजह से हमेशा सूखी रहती थी। 261 करोड़ की लागत से बनाए गए इस रबर डैम में अब पानी ही पानी है। डैम में बरसात के दिनों में नदी में आने वाले पानी जमा होगा। जानकारी के अनुसार इसमें 3 फीट पानी रखने की योजना थी, लेकिन यहां पानी लबालब भरा हुआ है। यहां करीब 5 फीट से ऊपर पानी हो गया है। विष्णुपद मंदिर के पास रबर डैम से फल्गु नदी में पूरे साल 2 फीट पानी उपलब्ध रहेगा, जिससे तीर्थयात्री तर्पण का विधि विधान कर पाएंगे। डैम के शिलान्यास से पंडा समुदाय के साथ स्थानीय लोग काफी खुश हैं।
क्या है डैम की खासियत
उन्होंने बताया कि योजना के तहत विष्णुपद मंदिर के निकट 300 मीटर निम्न प्रवाह में फल्गु नदी के बाएं तट पर 411 मीटर लंबा, 95.5 मीटर चौड़ा और 3 मीटर ऊंचा रबर डैम का निर्माण किया गया है। नदी के सतही और उप सतही जल प्रवाह को रोकर पानी को डैम में जमा किया जाएगा। नदी के भीतर रॉक लेबल तक 1031 मीटर की लंबाई में रबर शीट पाइल किया गया है और 300 मीटर में डायफ्रॉम वाल बनाया गया है। इस तरह से डैम रेक्टेंगल शेप में बन कर पूरी तरह से तैयार हो गया है।
जानें धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से
धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर गया में हर वर्ष लाखों हिंदू, बौद्ध और जैन श्रद्धालु आते हैं। इनमें बड़ी संख्या उन श्रद्धालुओं की होती है, जो अपने पितरों को मोक्ष दिलाने की कामना के साथ पिंडदान, स्नान और तर्पण के लिए आते हैं। फल्गु नदी का पानी पितरों के लिए अमृत के सामान है। इसकी एक-एक बूंद का बड़ा महत्व है। देवघाट के पास सालों भर पानी रहने से तीर्थयात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। फल्गु नदी में कहीं दूसरी जगह का पानी नहीं मिलाया जाएगा।