द फॉलोअप डेस्क
बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अररिया और सीवान के बाद अब मोतिहारी में एक पुल भरभरा कर गिर है। जानकारी के अनुसार मोतिहारी के घोड़ासहन प्रखंड में निर्माणाधीन पुल ध्वस्त हुआ है। करीब डेढ़ करोड़ की लागत से पुल बन रहा था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से इस पुल का निर्माण हो रहा था । आरसीसी पुल का निर्माण धीरेंद्र कंस्ट्रक्शन प्रा। लिमिटेड श्रीकृष्णनगर द्वारा कराया जा रहा था। बता दें कि पुल गिरने का यह एस सप्ताह में तीसरा मामला है।
शनिवार को सीवान में गिरा था पुल
मिली जानकारी के अनुसार पुल की ढ़लाई के दौरान एक बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर गया। इससे पुल निर्माण की गुणवत्ता पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। गौरतलब है कि इसके पहले इसी सप्ताह अररिया और सीवान में दो अलग अलग पुल गिर चुके हैं। अब एक सप्ताह में मोतिहारी हादसे के बाद राज्य में तीन पुल गिरे हैं। बता दें कि शनिवार को सीवान जिला के महराजगंज अनुमंडल के पटेढ़ा और गरौली गाँव के बीच का पुल अचानक टूट गया। जिससे दोनों गाँवों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। इस पुल के टूटने से इलाके के लोग काफी परेशान हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर अररिया में 18 जून में पुल गंगा में समा गया था।
नीतीश सरकार ने उठाया बड़ा फैसला
लगातार गिर रहे पुल ने नीतीश सरकार की नींद उड़ा दी है। लगातार पुल का ध्वस्त होते जाने को लेकर राज्य सरकार ने कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अब नीतीश कुमार ने इसपर एहतियाती कदम उठाने का फैसला लिया है। सरकार ब्रिज की कमजोरी को जानने और नए पुल मजबूत बने, इसके लिए सभी ग्रामीण पुलों की स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने जा रही है। मकसद यह है कि सरकारी राशि का सदुपयोग हो और जानमाल की सुरक्षा भी की जा सके। साथ ही आवागमन को लेकर किस तरह की परेशानी होती है, इस बात को भी जानने की कोशिश होगी। ग्रामीण कार्य विभाग इस महत्वपूर्ण स्ट्रक्चरल ऑडिट की जिम्मेदारी ली है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर विभागीय अभियंताओं और अधिकारियों की तैनाती होगी।