पटना
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा, जो 13 दिसंबर को संपन्न हुई थी, के दौरान पटना के बापू परीक्षा केंद्र में रद्द हुई परीक्षा अब शनिवार को 22 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। इस पुनर्परीक्षा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है, क्योंकि परीक्षार्थियों द्वारा पूरी परीक्षा फिर से कराने की मांग को लेकर जारी आंदोलन और विपक्षी दलों के समर्थन से अवरोध उत्पन्न होने की आशंका जताई जा रही है। परीक्षा को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए प्रशासन ने सभी आवश्यक तैयारियां कर ली हैं।
प्रशासन ने परीक्षा केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा (धारा 163) लागू कर दी है। इस क्षेत्र में केवल परीक्षार्थियों, परीक्षा अधिकारियों, कर्मचारियों और सुरक्षा बलों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। पटना में वर्तमान में भी आंदोलनों का दौर जारी है। गर्दनीबाग में परीक्षार्थी पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, गांधी मैदान में जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर की भूख हड़ताल जारी है। कांग्रेस नेता पप्पू यादव के आह्वान पर कई जिलों में ट्रेनों और सड़कों को बाधित करने की खबरें आई हैं। वामपंथी दलों और कांग्रेस के छात्र संगठनों ने भी विरोध मार्च निकाला, जिसे डाकबंगला के पास रोका गया। इससे पहले रविवार को एक मार्च के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।
प्रशासन ने परीक्षा को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। परीक्षा सुबह 12 बजे से 2 बजे के बीच होगी, और परीक्षार्थियों को सुबह 9:30 बजे से 11 बजे तक ही प्रवेश की अनुमति होगी। इसके बाद किसी को केंद्र में प्रवेश नहीं मिलेगा। मोबाइल फोन ले जाने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई है। यहां तक कि केंद्र अधीक्षकों को भी केवल कीपैड फोन ले जाने की अनुमति होगी, स्मार्टफोन प्रतिबंधित रहेंगे। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 24 मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे। इसके अलावा, 22 जोनल मजिस्ट्रेट और 7 उड़न दस्तों की तैनाती की गई है। 14 मजिस्ट्रेट जिला कंट्रोल रूम में मुस्तैद रहेंगे और जरूरत पड़ने पर त्वरित कार्रवाई करेंगे।