पटना
पटना हाई कोर्ट के वकीलों ने BPSC अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में उन्हें हर संभव कानूनी सहायता देने का आश्वासन दिया है। वकीलों ने स्पष्ट किया है कि कानूनी मदद के लिए किसी भी अभ्यर्थी से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्होंने अभ्यर्थियों की मांगों का समर्थन करते हुए उनके साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता जताई है। वकीलों ने कहा कि छात्र पिछले कई दिनों से शांति पूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही थी और परीक्षा में अनियमितताओं से इनकार कर रही थी।
पटना में BPSC छात्रों का प्रदर्शन जारी है। दोबारी परीक्षा की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों के प्रदर्शन का मंगलवार को 14वां दिन है। छात्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में भाकपा माले और कांग्रेस के विधायक, कार्यकर्ता और नेताओं ने आज पटना में राजभवन मार्च किया। हालांकि, पुलिस ने मार्च निकाल रहे नेताओं को शहीद स्मारक के पास रोक दिया। इसके बाद सभी नेता वहीं जमीन पर बैठ गए। इस दौरान इन नेताओं की पुलिस से तीखी बहस हुई और धक्कामुक्की भी हुई है। आरा के सांसद सुदामा प्रसाद ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की की है। इससे पहले BPSC छात्रों के मुद्दे पर नीतीश सरकार ने अपनी चुप्पी भी तोड़ी है।
इधर, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और वो खुद ही इस मामले में निर्णय लेगा। बता दें कि सोमवार को छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से मुलाकात की थी। मुख्य सचिव से मिलकर छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगें रखी थीं। छात्रों का कहना है कि सीएस ने उनकी मांगों पर गौर किया है और जल्द से जल्द इसके समाधान की दिशा में प्रयास का आश्वासन भी दिया है।
इस बीच पटना के गर्दनीबाग में जहां छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं वहां राजनेताओं का आना-जाना जारी है। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने आंदोलन कर रहे छात्रों से मुलाकात की है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने बताया कि सुबह पप्पू यादव धरनास्थल पर पहुंचे थे और उन्होंने छात्रों से बातचीत भी की है। आपको बता दें कि जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगर 2 जनवरी तक छात्रों की मांगें पूरी नहीं होती हैं तो वो खुद धरने पर बैठेंगे।