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बोकारो में 37 दिन बाद इस हाल में मिला महिला दरोगा के पुत्र का शव, JPSC परीक्षा के बाद हुआ था लापता

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द फॉलोअप डेस्क
बिहार पुलिस में महिला दरोगा के पद पर कार्यरत राखी घोषाल के लापता पुत्र का शव 37 दिन बाद मिला। महिला दरोगा के इकलौता इंजीनियर पुत्र सनी रंजन घोषाल (30 वर्ष) का शव 37 दिन बाद बोकारो आरपीएफ पोस्ट के पास गढ़े से बरामद किया गया। बता दें कि मृतक रंजन 17 मार्च को भागलपुर से बोकारो JPSC परीक्षा देने आया था। उसने परीक्षा दी उसके बाद वह बोकारो रेलवे स्टेशन पहुंचा, जहां से उसे वापस भागलपुर निकलना था लेकिन वह स्टेशन परिसर से ही गायब हो गया। 18 मार्च को जब बेटा घर नहीं पहुंचा तो दरोगा राखी ने शिकायत दर्ज कराई। 


पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद होगी आगे की कार्रवाई
महिला दरोगा की शिकायत के बाद बेटे की तलाशी शुरू हुई। जीआरपी पुलिस ने टेक्निकल सेल की मदद से लापता के तलाश में हर संभव प्रयास किया। इस बीच मंगलवार सुबह थाना व रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर एक गड्ढे में शव होने की सूचना मिली। मौके से आधार, पेन, एडमिट कार्ड व मोबाइल के जरिए उसकी पहचान की गई। जीआरपी ने पोस्टमार्टम के बाद शव उसकी मां को सौंप दिया है। जीआरपी थानेदार संतोष सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आगे के अनुसंधान का आधार होगा। युवक की मौत किस परिस्थिति में हुई है। मौत दुर्घटना का हिस्सा है, या किसी संगीन साजिश।


मैकेनिकल इंजीनियर था रंजन घोषाल
बता दें कि रंजन घोषाल ने हरियाणा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी। कुछ दिन दिल्ली में काम करने के बाद गया के एक स्कूल में शिक्षक के तौर पर काम करते हुए सिविल सर्विस में जाने के लिए प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में लगा हुआ था। पेटरवार सेंटर से परीक्षा देकर जब वह बोकारो रेलवे स्टेशन पहुंचा तो रेलवे स्टेशन में दरभंगा के दो परीक्षार्थी से उसका संपर्क हुआ। रेलवे स्टेशन के अंदर जाकर मौर्य एक्सप्रेस में दोनों तात्कालिक मित्रों को ट्रेन में बिठाने के बाद फिर स्टेशन से बाहर निकाला और लापता हो गया। 

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Tags - Bihar newsJharkhand news

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