द फॉलोअप डेस्क
बिहार में जमीन सर्वे को लेकर आए दिन कोई न कोई नया अपडेट सामने आता रहता है। राज्यभर में पिछले कुछ महीनों से जमीन सर्वे का कार्य जारी है। लेकिन इस दौरान कई तरह की समस्याएं भी सामने आई हैं। इसी सिलसिले में एक और ताजा मामला सामने आया है, जिसमें यह निर्देश दिया गया है कि अब दाखिल-खारिज की सुस्ती अंचलों को भारी पड़ेगी। विभाग ने इसकी कार्रवाई की तैयारी भी शुरू कर दी है। साथ ही संबंधित अंचलों की लिस्ट भी तैयार कर ली है।
इस कारण लिया गया एक्शन
बताया जा रहा है कि बिहार में दाखिल-खारिज (Dakhil Kharij) और परिमार्जन के आवेदनों को लंबी अवधि तक लटकाए रखने वाले अंचलों पर अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य के ऐसे 10 अंचलों की सूची बनाई जा रही है, जो पिछले 4 महीनों से इस मामले में बेहद खराब प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके साथ ही कई अंचलों में दाखिल-खारिज के आवेदनों को बिना उचित कारण के अस्वीकृत करने का खेल भी चल रहा है। जबकि ऐसे मामलों में अस्वीकृति के समय कारण देना अनिवार्य है। इसके बावजूद कई अंचल अभी भी ऐसा कर रहे हैं। अब इन्हीं पर कार्रवाई की योजना बन रही है।मुख्य सचिव ने जताई गहरी नाराजगी
इसके अलावा दाखिल-खारिज के आवेदन 45 से 75 दिन तक लंबित रखने के कई मामले सामने आए हैं। इसे लेकर मुख्य सचिव ने गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने सभी समाहर्ताओं को इस मुद्दे से अवगत कराया और 10 ऐसे अंचलों की सूची मांगी है, जो पिछले 4 महीने से लगातार खराब प्रदर्शन कर रहे हैं। विभाग अब इन अंचलों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है।
दाखिल-खारिज मामले की हुई थी समीक्षा
जानकारी हो कि मुख्य सचिव ने हाल ही में दाखिल-खारिज और परिमार्जन से संबंधित मामलों की समीक्षा की थी। इसमें यह पाया गया कि अंचलों में विभागीय निर्देशों के बावजूद कार्यों का निष्पादन सही समय पर नहीं हो रहा है। अब ऐसे कर्मचारियों और अंचलाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी जो निर्धारित समय सीमा के भीतर काम पूरा नहीं कर पा रहे हैं, भले ही वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश उनके पास मौजूद हों।