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ज्योति मौर्या का नाम ले डराते थे, पर पति ने नहीं छोड़ा साथ; अब BPSC पास कर ऑफिसर बनीं स्मिता

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द फॉलोअप डेस्कः
67वीं बीपीएससी का रिजल्ट जारी हो चुका है। जिसमें 799 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है। इस परीक्षा में गया की स्मिता वर्मा को भी सफलता हाथ लगी है। गया शहर के माडनपुर मोहल्ले के रहने वाली स्मिता वर्मा ने 709 रैंक हासिल किया है। बड़ी बात यह है कि स्मिता को यह सफलता पहले प्रयास में मिली है। इससे पहले 2022 में इन्होंने दरोगा की परीक्षा भी पास कर ली थी। वह राजगीर में ट्रेनिंग ले रही हैं। स्मिता ने बताया कि घर में सभी लोगों का स्पोट था। घर के लोग ही हौसला बढ़ाते रहे, जिसकी वजह से किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई। मुझसे ज्यादा मेरे परिवार के लोग खुश हैं। मैं सभी महिलाओं से यह कहना चाहती हूं कि मेहनत का फल मीठा होता है, इसलिए अपना लक्ष्य साधकर उसपर काम करना शुरू करिए। वहीं उन्होंने समाज के लोगों से अपील की है कि अपनी बहु-बेटी को पढ़ाइये। अगर आप अपनी बहु बेटी से सिर्फ घर का काम कराएंगे तो ऐसा मौका नहीं मिलेगा। 


ज्योति मौर्या का देते थे उदाहरण 
स्मिता वर्मा के पति आकाश दयाल ने बताया कि पूरा परिवार बहुत गर्व महसूस कर रहा है। हमने सोचा था, वह पूरा गया है। बीटेक की पढ़ाई छोड़कर स्मिता तैयारी के लिए दिल्ली गईं। पहले ही प्रयास में चयन हो गया। कभी कभी कहती थीं कि मेन्स बहुत मुश्किल है, डर लग रहा है, शायद नहीं हो पाएगा। लेकिन उस वक्त हमलोग इसका हौंसला बढ़ाते थे। आकाश कहते हैं कि मुझे कई लोग यूपी की एसडीएम ज्योति मौर्य का उदाहरण देने लगे थे। लेकिन मैंने किसी की नहीं सुनी, मुझे मेरी पत्नी पर पूरा था और उसकी मेहनत पर भी कि वह यह परीक्षा जरूर पास करेगी। 

दरोगा में चयनित होने के बावजूद पढ़ाई थी जारी

इनकी शुरुआती पढ़ाई गया से ही हुई है। नवस्थापित हाई स्कूल से मैट्रिक, गया कालेज से इंटरमीडिएट और इवनिंग कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। दरोगा में चयनित होने के बावजूद इन्होंने लगातार पढ़ाई जारी रखी. ट्रेनिंग के बाद भी रोजाना 5 से 6 घंटे पढ़ाई करती थी। इनके सफलता पर उनके घर में खुशी का माहौल है और गया तथा उनके गांव के लोग इन्हें बधाई देने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं। स्मिता ने बताया कि मैंने ड्यूटी के दौरान एक टारगेट बना लिया था कि मुझे कितना पढ़ना है। कम से कम चार से पांच घंटे पढ़ाई की। बीपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली गई थीं लेकिन कोरोना काल मेंजल्द ही वापस घर लौट आई थी। 

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