पटना:
बिहार में प्रदूषण और कचरे में कमी लाने के लिए सरकार ने बड़ी पहल की है। बिहार सरकार ने एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के उपयोग पर पूरे तरीके से रोक लगा दिया है। सरकार ने कहा है कि 1 जुलाई 2022 एकल उपयोग वाले प्लास्टिक राज्य में पूरे तरीके से प्रतिबंधित रहेंगे। एकल उपयोग वाले वस्तु में कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बे पर लगने वाली पॉलिथीन, निमंत्रण पत्र, सिगरेट पैकेट, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक और पीवीसी बैनर आदि शामिल हैं। बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने इसका विरोध किया है और सरकार से और समय की मांग की है।
पूरे देश में उद्योग-व्यापार गंभीर रूप से प्रभावित होंगे
एसोसिएशन के महासचिव आशीष रोहतगी ने कहा कि पूर्ण प्रतिबंध लगाने से पूरे देश में उद्योग-व्यापार के साथ आम जनता भी गंभीर रूप से प्रभावित होंगे। वर्तमान में एकल उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पाद का विकल्प हमारे पास नहीं है। लाखों-करोड़ों लोगों से एक साथ रोजगार छिन जाएगा।
क्या कहते है उद्यमी प्रेम कुमार
वहीं प्लास्टिक उत्पाद निर्माण कार्य से जुड़े उद्यमी प्रेम कुमार ने बताया कि केवल 19 आइटमों पर रोक लगा देने से प्लास्टिक कचरें में कमी नहीं लाई जा सकती है। इसके वाणिज्यिक उत्पादन में कमी लाने में 6 महीने से लेकर 1 वर्ष का समय लगने की संभावना है। बता दें कि वर्तमान में सिंगल उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पाद से संबंधित कच्चा माल IOCL, ONG, GAIL, Reliance जैसी कंपनियां उपलब्ध कराती है। इससे एक प्लास्टिक का ग्लास 30 से 50 पैसे में बन जाता है।