पटना
बिहार के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में इन दिनों निरंतर सुधार किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ इस दिशा में सक्रिय हैं और लगातार नए निर्देश जारी कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया को डिजिटल करने का निर्णय लिया है। अब बिहार के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति एक विशेष मोबाइल एप के माध्यम से दर्ज की जाएगी। इस योजना के पहले चरण में पटना, नालंदा, वैशाली, जहानाबाद, सारण और भोजपुर जिलों में इसे लागू किया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजकर आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत इन जिलों के कक्षा 3 के छात्रों की दैनिक उपस्थिति, वार्षिक और अर्धवार्षिक परीक्षा के परिणाम तथा अन्य महत्वपूर्ण जानकारी e-shikshakosh एप के माध्यम से दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रारंभिक रूप में प्रत्येक जिले को पांच टैबलेट प्रदान किए जाएंगे ताकि शिक्षकों को डिजिटल प्रणाली से परिचित कराया जा सके।
शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार, इस परियोजना के तहत:
1. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा चयनित छह जिलों के प्रत्येक जिले को पांच टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे।
2. संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी को 8 फरवरी 2025 तक राज्य स्तरीय कार्यालय से टैबलेट प्राप्त करने की व्यवस्था करनी होगी।
3. प्रत्येक जिले में तीन मध्य विद्यालय और दो प्राथमिक विद्यालय का चयन किया जाएगा, जहाँ इस प्रणाली को लागू किया जाएगा।
4. विद्यालयों में टैबलेट का प्रयोग कक्षा तीन के शिक्षकों द्वारा किया जाएगा, जो प्रतिदिन प्रथम घंटी में विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करेंगे।
5. कक्षा शिक्षकों को प्रत्येक दिन एक कक्षा की फोटो खींचकर e-shikshakosh पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है।
6. अर्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा के परिणाम भी डिजिटल रूप में दर्ज किए जाएंगे।
7. प्रत्येक माह के अंत में शिक्षकों को पूरा किया गया पाठ्यक्रम पोर्टल पर अपडेट करना अनिवार्य होगा।
8. चेतना सत्र के दौरान भी शिक्षकों को विद्यार्थियों की गतिविधियों का रिकॉर्ड रखना होगा।
9. इस परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 8 फरवरी 2025 को ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी चयनित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, कक्षा तीन के शिक्षक और जिला शिक्षा पदाधिकारी भाग लेंगे।
10. इस नई डिजिटल प्रणाली से बिहार के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।