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बिहार में चंद घंटों में ध्वस्त हुए 6 पुल, मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट; ऑडिट कराने की उठी मांग

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द फॉलोअप डेस्क,बिहार
बिहार में मानसून पूरी तरह से एक्टिव हो गया है। प्रदेश में बीते 2 दिन से कहीं हल्की और कहीं झमाझम बारिश हुई। इसके साथ ही बिहार में पुल गिरने का सिलसिला भी जारी है। भारी बारिश के कारण बुधवार को सीवान व छपरा जिले में एक ही दिन में एक के बाद एक 6 पुल ढह गए। गौरतलब है कि राज्य में 15 दिन में 12 पुल गिर चुके हैं। वहीं अब बिहार में घराशायी हो रहे पुल मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले में याचिका दायर कर जांच की मांग की गई है। जानकारी अनुसार ब्रजेश सिंह ने यह रिट याचिका दाखिल कर राज्य में हाल के वर्षों में हुए छोटे-बड़े पुलों के सरकारी निर्माण का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का आदेश देने की गुहार सुप्रीम कोर्ट से लगाई है।


ब्रिटिश काल में बना एक पुल ध्वस्त 
24 घंटे के भीतर सिवान जिले के महराजगंज प्रखंड क्षेत्र में नवतन, तेवथा और देवरिया पड़ाईन टोले में बने तीन पुल मंगलवार की रात को ध्वस्त हो गए। जबकि दस दिन पूर्व भी एक और पुल यहां ध्वस्त हो गया था। इधर सारण जिले में दो पुल बुधवार को गिर गए। लहलादपुर प्रखंड में बुधवार की दोपहर गंडकी नदी पर बने दो पुलों के गिरने के बाद लोगों में दहशत का माहौल है। महज एक घंटे के अंतराल पर प्रखंड के जनता बाजार के पास 40 फुट लंबे और करीब 15 फुट चौड़े पुल के धराशायी हो जाने के बाद लोगों में दहशत का माहौल है। अब लोग प्रखंड के दूसरे पुलों से अब गुजरने से भी परहेज करने लगे हैं। सारण में 2005 में बना एक पुल गिरा और उसके बाद ब्रिटिश काल में बना एक पुल ध्वस्त हुआ है। जबकि सिवान के महराजगंज प्रखंड में अलग-अलग जगहों पर तीन पुल ढहे।


पुल गिरने की जांच होगी
इधर, जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि सीवान जिले के महाराजगंज, दरौंदा और लहलादपुर में छाड़ी नदी पर बने दशकों पुराने पुल और पुलिया जर्जर हो चुके हैं। इनकी जगह नये पुल-पुलिया बनाये जायेंगे। साथ ही इनके क्षतिग्रस्त होने की जांच उड़नदस्ता संगठन, जल संसाधन विभाग से करायी जा रही है। जांच रिपोर्ट में दोषी पदाधिकारियों की जिम्मेवारी निर्धारित कर कार्रवाई की जायेगी।

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