गौतम अडाणी के विरुद्ध झामुमो और कांग्रेस के रुख में भारी बदलाव आया है। दोनों ही दल अब राज्य में पूंजी निवेश और रोजगार सृजन के उद्देश्य से अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी का शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से हुई मुलाकात को सकारात्मक मानते हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज यूनिसेफ की ओर से आयोजित "राउंड टेबल ऑन प्रीवेंटिंग चाइल्डहुड नॉन कम्युनिकेबल डिसीज थ्रू हेल्दी डाइट्स " पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज रांची के धुर्वा स्थित केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान, गृह रक्षा वाहिनी में आयोजित झारखंड राज्य गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवा खेलकूद प्रतियोगिता-2025 के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। इस अवसर पर उन्होंने गृ
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज प्रोजेक्ट भवन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 49 ट्रेनिंग ऑफिसर्स को नियुक्ति पत्र प्रदान किए।
राज्य सरकार ने झारखंड सचिवालय सेवा के 14-14 अधिकारियों को क्रमशः संयुक्त सचिव और उप सचिव में प्रोन्नति दी है। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा इस संबंध में मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी गयी।
विधानसभा में आज बजट पारित होने के बाद सीएम हेमंत सोरेन मीडिया को संबोधित किया। सोरेन ने कहा कि जनता पर बिना किसी तरह का आर्थिक बोझ दिये हमने एक संतुलित बजट पेश किया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज झारखण्ड विधान सभा सभागार में षष्ठम् झारखण्ड विधानसभा के सदस्यों के लिए आयोजित प्रबोधन-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में डिजिटल सेवाओं के प्रभावित होने की बात बार-बार सामने आती है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद की बैठक हुई। बैठक में राज्य के विभिन्न जेलों में आजीवन सजा काट रहे 37 कैदियों को रिहा करने पर सहमति बनी। इस बैठक में रिहाई से जुड़े नए
सीएम हेमंत सोरेन ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था और भगदड़ के कारण हुई 18 लोगों की मृत्यु पर शोक जताया है।
मुख्यमंत्री आज बिस्वा बांग्ला कन्वेंशन सेंटर, न्यू टाउन, कोलकाता, पश्चिम बंगाल में आज से शुरू हो रहे दो दिवसीय बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट- 2025 के आठवें संस्करण के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि आदिवासी समुदाय के पूर्वजों की तपस्या, त्याग और बलिदान का परिणाम है कि आदिवासियों को आज एक अलग पहचान मिल रही है।